जकार्ता में चमकेगा हिमाचल का सितारा, एशियन गेम्स के लिए भारतीय हैंडबॉल टीम का बना कोच (Video)

Monday, Jun 04, 2018 - 04:53 PM (IST)

ना (अमित): ऊना के अरुण सैनी ने जिला और प्रदेश का नाम रोशन किया है। आर्मी से सेवानिवृत अरुण सैनी को इंडोनेशिया के जकार्ता में होने वाली एशियन गेम्स के लिए भारतीय हैंडबॉल टीम (पुरुष) का कोच नियुक्त किया गया है। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। इससे पहले भी अरुण भारत की जूनियर टीम के कोच रह चुके हैं। वह आज यूपी के फैजाबाद में शुरू होने वाले नैशनल कोचिंग कैम्प के लिए रवाना हो गए, जहां 30 जून तक अरुण खिलाड़ियों को हैंडबाल की तकनीक और टिप्स देंगे। 


जानकारी के मुताबिक ऊना शहर के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले अरुण ने ऊना की मिट्टी में खेलकर ही हैंडबॉल की बारीकियां सीखी है। ऊना का इंदिरा मैदान अरुण की कर्मभूमि है। इसी इंदिरा मैदान के हैंडबॉल कोट में अरुण ने अपना बचपन बिताया और अपनी मेहनत व लग्न से ब्लाक, जिला और प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवाया। वहीं उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की सब जूनियर, जूनियर और सीनियर प्रतियोगिताओं में हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया है। वर्ष 2001 में सैनी अपने बेहतर खेल के चलते हुए स्पोर्ट्स कोटे से भारतीय सेना में भर्ती हो गए और 2001 से 2011 तक लगातार भारतीय सेना की टीम का हिस्सा रहे। 


2011 से उन्होंने बतौर कोच भारतीय सेना की टीम को हैंडबॉल के टिप्स सिखाए। अरुण इसी वर्ष भारतीय सेना से सेवानिवृत हो चुके हैं। सैनी को भारतीय हैंडबॉल फैडरेशन ने 18 अगस्त से 2 सितंबर तक इंडोनेशिया के जकार्ता में होने वाली एशियन गेम्स के लिए भारतीय हैंडबाल पुरुष टीम का कोच नियुक्त किया है। इससे पहले भी सैनी भारतीय जूनियर हैंडबॉल टीम के कोच के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।फिलहाल वह भारतीय टीम के लिए यूपी के फैजाबाद में लग रहे राष्ट्रीय कोचिंग कैम्प के लिए रवाना हो गए हैं। यह कैम्प 30 जून तक चलेगा जिसमें अरुण सैनी टीम के खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभव को सांझा करते हुए जीत के टिप्स देंगे। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य भारतीय हैंडबाल टीम को एशियन गेम्स में गोल्ड दिलवाना है।


अरुण ने कहा कि इसके लिए वो टीम को एक लड़ी के रूप में पिरोकर बेहतर जीत के टिप्स देंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल की युवा पीढ़ी को नशा छोड़ खेलों में हिस्सा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेलों के जरिए ही आज की युवा पीढ़ी सब प्रकार की कुरीतियों से दूर रह सकती है। हिमाचल में खेलों के कमजोर आधारभूत ढांचे को लेकर उन्होंने निराशा व्यक्त की है। हिमाचल में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते प्रदेश के खिलाड़ियों को अन्य राज्यों या संस्थाओं की ओर रुख करना पड़ता है। अरुण ने कहा कि वो इस कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से पत्राचार भी करेंगे। 

 
 


 

Ekta