कर्मचारी महासंघ की सरदारी को मचा घमासान, दोनों गुटों ने 23 को चुनाव करवाए जाने का किया ऐलान

Friday, Sep 21, 2018 - 11:35 AM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की सरदारी को लेकर चल रहा घमासान पूरे उफान पर है। इसी कड़ी में दोनों समानांतर गुटों ने 23 सितम्बर को ही प्रदेश कार्यकारिणी के चुनाव करवाने का ऐलान किया है। महासंघ की तदर्थ कमेटी के संयोजक एवं समानांतर गुट विनोद कुमार ने कहा है राज्य कार्यकारिणी के चुनाव 23 सितम्बर को किसान भवन बिलासपुर में होंगे। इसके साथ ही अश्विनी और सुरेंद्र ठाकुर गुट ने भी इसी दिन चुनाव करवाने का ऐलान किया है। इस गुट के वरिष्ठ नेता एन.आर. ठाकुर ने कहा है कि 23 सितम्बर को ही बागवानी निदेशालय के सभागार में चुनाव करवाए जाएंगे। 

ऐसे में जाहिर है कि कर्मचारी महासंघ चुनाव इस बार 2 गुटों में होने जा रहा है। इसके साथ ही देखा जाए तो विनोद कुमार गुट ने पूर्व सरकार से मान्यता प्राप्त महासंघ के महासचिव को नोटिस जारी किया है कि वह 23 सितम्बर को फैडरल हाऊस की मीटिंग जोकि बिलासपुर में होगी, में महासंघ के पूर्व वित्त सचिव के साथ महासंघ के लेखे-जोखे को लेकर उपस्थित हों ताकि महासंघ की पूर्व में वित्तीय स्थिति को महासंघ परिषद के समक्ष रखा जा सके। इन चुनाव में दोनों गुटों की सभी जिला तथा समस्त विभागीय इकाइयां हिस्सा लेंगी। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही कर्मचारी राजनीति चरम पर होती है। सत्ता बदलने पर हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए भी कर्मचारी नेताओं में घमासान शुरू हो जाता है। यह प्रथा पिछले कई सालों से जारी है। इस बार भी महासंघ पर कब्जा जमाने के लिए विनोद गुट व अश्विनी-सुरेंद्र ठाकुर गुट के बीच घमासान मचा है। कुछ दिन पूर्व अश्विनी व सुरेंद्र ठाकुर गुट के बीच समझौता हो गया था। अब विनोद कुमार ने महासंघ के राज्य कार्यकारिणी के चुनाव की घोषणा कर दी। अब देखना है कि जयराम सरकार महासंघ के किस गुट को मान्यता देता है।

क्या बोले विनोद कुमार
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की तदर्थ कमेटी के संयोजक विनोद कुमार ने बताया कि महासंघ के नियमों के तहत उन्होंने चुनावों की घोषणा की है। चुनाव 23 सितम्बर को बिलासपुर में होंगे।

क्या बोले एन.आर. ठाकुर 
अश्विनी और सुरेंद्र ठाकुर गुट के वरिष्ठ कर्मचारी नेता एन.आर. ठाकुर ने कहा कि हम चाहते थे कि सभी एकजुट होकर चलें। इसके तहत कई प्रयास भी किए गए लेकिन विभिन्न कारणों से उनके सार्थक परिणाम नहीं आए। ऐसे में 23 सितम्बर को शिमला में चुनाव करवाने का फैसला लिया गया है। 

कौन मारेगा बाजी
पूर्व वीरभद्र सरकार के समय में जोगटा व मनकोटिया गुट में कुर्सी के लिए घमासान मचा था तथा अंत में सरकार ने मनकोटिया को कामगार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष लगाया था तथा जोगटा को महासंघ की कमान सौंपी थी। वीरभद्र सरकार से पहले धूमल सरकार के समय में भी सुरेंद्र ठाकुर व सुरेंद्र मनकोटिया गुट के बीच घमासान हुआ था तथा धूमल सरकार के करीबी सुरेंद्र ठाकुर महासंघ की कुर्सी को कब्जाने में कामयाब हुए थे।

Ekta