PICS: बर्फ को तरसा बर्फीला रेगिस्तान, मौसम की बेरुखी से वैज्ञानिक हैरान

Thursday, Jan 12, 2017 - 12:46 PM (IST)

उदयपुर: समुद्र तल से 11 हजार फुट से लेकर साढ़े 15 हजार फुट की पर्वतीय ऊंचाइयों पर फैले प्रदेश के सबसे ठंडे बर्फीले रेगिस्तान स्पीति में इस बार बर्फबारी न होने की घटना ने वैज्ञानिकों को भी हैरानी में डाल दिया है। बीते कुछ दिनों के दौरान ऊंचाई वाले स्थानों में हुई बर्फबारी ने भले ही कई वर्षों के रिकार्ड तोड़े हैं लेकिन प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित स्पीति के पर्वतीय क्षेत्रों में अभी तक बर्फबारी का सूखा पड़ा है। पंडित जी.बी. पंत हिमालय पर्यावरण एवं शोध संस्थान हिमाचल इकाई के वैज्ञानिक इस हिमालयी पट्टी में बर्फबारी न होने की ताजा घटना को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ कर भी देख रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बदली बर्फबारी की दिशा 
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बर्फबारी की लहर ने नि:संदेह दिशा बदली है। स्पीति प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित बर्फीला रेगिस्तान है और यह जनजातीय क्षेत्र प्रदेश भर में अधिकतम बर्फबारी के लिए जाना जाता है। दरअसल बर्फीला रेगिस्तान स्पीति प्रदेश भर में सबसे अधिक बर्फबारी के लिए मशहूर है लेकिन इस बार सारी वास्तविकता बदलते हुए बर्फबारी के बिना यह बर्फीला रेगिस्तान रेतीला रेगिस्तान बनकर उभरा है। हालात इस तरह से बदले हैं कि बर्फीले रेगिस्तान की जो धरती इन दिनों बर्फ  से ढकी रहती थी, हवा के चलने पर उस धरती से धूल और रेत उठ रही है। 

अपने आप में आश्चर्यचकित करने वाली घटना
हिमालय पर्यावरण एवं शोध संस्थान हिमाचल इकाई के प्रमुख वैज्ञानिक डा. एस.एस. सावंत कहते हैं कि प्रदेश के सबसे ठंडे रेगिस्तान स्पीति में बर्फबारी का न होना अपने आप में आश्चर्यचकित करने वाली घटना है। यह ग्लोबल वार्मिंग के संकेत हैं। अब समय आ गया है कि स्पीति के रेगिस्तानों में पेड़-पौधे लगाते हुए जंगल विकसित किए जाएं।