लोगों की जिंदगियों के साथ हो रहा खिलवाड़, अस्पताल में लटके ताले, निराश होकर लौटे मरीज(Video)

Tuesday, Dec 10, 2019 - 12:30 PM (IST)

सोलन, (नरेश पाल): प्रदेश सरकार के लोगों को  स्वास्थ्य सेवाएं देने के वादे कहीं न कहीं महज कागजों में ही नजर आ रहे हंै, कुछ ऐसा ही देखने को मिला जिला सोलन के कंडाघाट ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली प्राइमरी हैल्थ सैंटर छावशा में । यहां आने वाले मरीज पहले तो परेशान हो गए कि कहीं आज छूटी तो नही है लेकिन 12:30 बजे तक अस्पताल में ताले लगे थे। यहां के मरीजों की जिंदगी राम भरोसे है, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को मानों लकवा मार गया हो। सरकारी सुविधाएं मरीजों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं। अस्पताल में ताले लगे है और चिकित्सक सोमवार के दिन से गायब हैं। अस्पताल के बाहर परामर्श पाने के लिए मरीजों की भीड़ है। हर कोई चिकित्सकों के आने का इंतजार करता रहा लेकिन एक बजे तक मरीजों को अस्पताल के बाहर इंतजार कर निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ा।

करीब 20 गांवों के लोगों को सुविधा प्रदान करता है ये अस्पताल

प्राइमरी हैल्थ सैंटर छावशा केंद्र होने के कारण यहां करीब 20 गांवों के लोग अपना इलाज करवाने आते हैं लेकिन कभी अस्पताल बंद होता है तो कभी अस्पताल में डाक्टर नहीं, टैस्ट करवाने की बात की जाए तो मरीजों को शहर के अस्पताल का रुख करना पड़ता है, अगर बात दवाइयों की की जाए तो नाममात्र की दवाइयां अस्पताल में मिलती हंै, ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को सोलन या शिमला अस्पताल इलाज के लिए जाना पड़ता है।

क्या कहते हैं मरीज और तीमारदार

अस्पताल पहुंचे मरीजों और तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। लोगों का कहना था कि आए दिन अस्पताल में या तो डाक्टर नहीं मिलता या दवाई नहीं मिलती, ऐसे में अस्पताल का क्या औचित्य है, उन्होंने कहा कि यहां इलाज न मिलने पर उन्हें या तो शिमला या सोलन के अस्पताल का रुख करना पड़ता है।

अस्पताल में रात्रि सेवाएं ठप्प

गत वर्षों की अगर बात की जाए तो यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लोगों को आश्वासन ही मिल रहा है, रात्रि में अगर कोई मरीज यहां इलाज के लिए आता है तो उसे मजबूरी में सोलन के अस्पताल का रुख करना पड़ता है।

Kuldeep