सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बंजर भूमि पर लहलहा दिया चंदन का बगीचा

Monday, Mar 15, 2021 - 01:43 PM (IST)

घुमारवीं (मुकेश गौतम) : जिला बिलासपुर के घुमारवी उपमड़ल के पटेर पंचायत के बेकल गांव के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी बंजर भूमि पर चंदन के पौधों का बगीचा तैयार कर दिया गया है। नौकरी की चाह पाले युवा का पाला एक ऐसे अधिकारी से पड़ा कि बातों बातों में उसने विचार दिया कि आप पढ़े लिखे हो ,तो घर में जमीन भी है जिसका उपयोग भी नहीं होता है उसमें चंदन के पौधे लगाओ और अगर लग गए तो लखपति बन जाओगे। सॉफ्टवेयर इंजीनियर जतिन ठाकुर को खेती का शौक था। पढ़ाई के बाद उन्हें नौकरी मिलने में कठिनाई आ रही थी। इसके बाद उन्होंने खेती को ही अपना व्यवसाय चुन लिया। जतिन ने अधिकारी की बातों पर गौर किया और हमीरपुर जिले की एक नर्सरी से चंदन के लगभग 150 पौधे लाए और अपनी बंजर भूमि पर लगा दिए, पर वह सूख गए, युवा ने हार नहीं मानी ऐसा उसने तीन बार किया और तीनों बारी हताशा ही हाथ लगी तो फिर दक्षिणी भारत में चंदन की अत्यधिक पैदावार होती हैं तो वहां से इंटरनेट के माध्यम से किसी नर्सरी वालों से संपर्क किया तो वहां से पौधे मंगवाएं तो वह पौधे लगभग 95 प्रतिशत लग गए है। 

दक्षिणी भारत के कर्नाटक के मैसूर से मंगवाए गए पौधों की खास बात यह होती हैं कि यह नेचुरल तरीके से उगाए जाते हैं जो बढ़िया किस्म के साथ तेल की  भी अधिक पैदावार के साथ होते हैं। युवक द्वारा लगभग चार बीघा जमीन पर 296 सफेद चंदन के पौधों का बगीचा तैयार कर दिया गया है जो उसने 2015-16 में लगाया है तथा 12 पौधे लाल चंदन के पौधे भी लहलहा रहे हैं जिनकी लम्बाई 25 से फुट तक हो गई है। पहले चंदन के पौधे सरकार के द्धारा ही उगाए जाते थे, पर 2003 के बाद सुप्रीम कोर्ट के द्धारा इसे आय के स्त्रोत को बढ़ाने के लिए लोगों के लिए भी खोल दिया गया है। चंदन का पौधा 12 साल बाद काटा जाता है तो उसकी कीमत एक पौधे की 12 लाख से 14 लाख रुपए के बीच की होती हैं। 

जतिन ठाकुर ने कहा कि सफलता असफलता के बाद ही मिलती हैं जिससे इंसान को हार नहीं माननी चाहिए। हो सकता है मैं जिला के साथ प्रदेश का पहला युवक हूँ जिसने लगभग तीन सौ से ज्यादा चंदन के पौधे अपनी जमीन पर विपरीत परिस्थितियों में पौध तैयार कर दी है और जो लगभग पांच साल के हो गए हैं। चंदन के पौधे कोई भी किसान अपनी जमीन पर उगा सकता है। विभाग के पास ऐसी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है कि जिले व प्रदेश में कितने किसानों ने इस खेती को अपनाया है। कृषि विभाग भी समय समय पर किसानों को पौधे उपलब्ध करवाता रहता है। जिले के लिए यह हर्ष की बात है कि युवा ने अपनी जमीन पर तीन सौ से ज्यादा पौधे उगाएं हैं। 
 

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prashant sharma