कहीं लटक तो नहीं जाएगी रेणुका बांध की फाइल

Monday, Mar 04, 2019 - 02:29 PM (IST)

नाहन (साथी): राष्ट्रीय परियोजना में शामिल सिरमौर के रेणुका क्षेत्र में गिरी नदी पर प्रस्तावित रेणुका बांध का निर्माण शुरू करने के लिए अब इन्वैस्टमैंट क्लीयरैंस की फाइल अब केंद्र सरकार के पाले में है। एच.पी.सी.सी.एल. के अनुसार केंद्र सरकार को 2018 के आधार पर रिवाइज्ड डी.पी.आर. हाल ही में सौंपी गई है। इन्वैस्टमैंट क्लीयरैंस की फाइल को केंद्रीय कैबिनेट अपनी मंजूरी देगी तभी रेणुका बांध का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। रेणुका बांध के निर्माण को लेकर राज्य सरकार ने औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। 6 राज्यों के बीच हुए समझौते के बाद इन्वैस्टमैंट क्लीयरैंस अब एक अहम मुद्दा है। 

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कहा जा रहा है कि मार्च के पहले सप्ताह में अचार संहिता लगने की संभावना है। देश में जिस तरह के हालत हैं उसे देख कर नहीं लगता कि जल्द होने वाली किसी भी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रेणुका बांध के निर्माण के लिए इन्वैस्टमैंट क्लीयरैंस की फाइल को हरी झंडी मिलेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद ही यह क्लीयरैंस मिलेगी। राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए बांध से दिल्ली को पानी ले जाने की योजना है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने हामी भरी है।

6 राज्य अपना हिस्सा देने को राजी

देश के 6 राज्य अपना 10 प्रतिशत हिस्सा देने को राजी हो चुके हैं और इन राज्यों ने इसको लेकर समझौता कर लिया है। रेणुका बांध में अपनी भागीदारी रखने के लिए हिमाचल समेत दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, यू.पी. राजस्थान शामिल हैं। हजारों करोड़ की बांध परियोजना का 90 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार को वहन करना है। वन मंत्रालय की मंजूरी बाकी
बांध प्रबंधन के अनुसार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा रेणुका बांध के निर्माण को अभी अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक केंद्र सरकार वन मंत्रालय को मुआवजे के रूप में 400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान नहीं करती। इन्वैस्टमैंट क्लीयरैंस की फाइल क्लीयर होने के बाद ही वन मंत्रालय को बांध प्रबंधन उक्त राशि का भुगतान करेगा।

Ekta