भरमौर में 38 साल बाद अप्रैल माह में हिमपात, जनजीवन अस्त-व्यस्त

Friday, Apr 23, 2021 - 11:03 PM (IST)

भरमौर (उत्तम): चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में करीब 38 साल बाद अप्रैल माह में हिमपात हुआ है। 4 दिन से क्षेत्र में रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है। इस महीने बर्फबारी होने से भरमौरवासी हैरान हो गए हैं। मंगलवार रात से क्षेत्र में बारिश का क्रम जारी है। इससे क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। भरमौर मुख्यालय, कुगती, क्वारंसी, बजोल, न्याग्राम, साह, चनहोता, चौबिया, बडग़्रां, तुन्द, सियूर व सचुई सहित अधिकांश पंचायतों में 6 इंच तक ताजा हिमपात हुआ है। इससे एक नया रिकॉर्ड बन गया है। लोगों ने बताया कि अप्रैल के महीने में इतिहास में दूसरी बार हिमपात हुआ है। इससे पहले वर्ष 1983 में एक बार हिमपात हुआ था। इसके कारण सेब व फलदार पौधों पर हिमपात का क्या असर पड़ता है, इसे सोचकर ही बागवान चिंतित हो रहे हैं।

इस महीने भरमाणी माता मंदिर सहित सभी ऊंची चारागाहों पर भी हिमपात हुआ, जहां भेड़पालक अपनी भेड़-बकरियों को लेकर जा पहुंचे हैं। भेड़पालक कड़ाके की शीतलहर में अपनी भेड़-बकरियों के साथ ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं। भारी बारिश से चम्बा-भरमौर मुख्य मार्ग सहित भरमौर, हड़सर, कुगती, चौबिया, हरछू, तरेला, बडग़्राम-गरिमा, उलानसा, चनहोता, लामू, हीलिंग, कुठेड़, खड़ामुख-होली, दयोल व न्याग्राम सभी मार्गों पर हुए भू-स्खलन के कारण सभी मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं जिन्हें खोलने में विभागीय मशीनरी जुट गई है। भारी बारिश ने पिछले वर्ष से ही भारी बारिश को तरस रहे भरमौरवासियों की आशाओं पर पानी फेर दिया है।

हालांकि क्षेत्र में सूख रहे पेयजल स्रोतों को अवश्य इससे संजीवनी मिली है लेकिन भरमौर-होली के ऊपरी क्षेत्रों में सेब पर भरपूर फूल आया हुआ था जिसे ओलावृष्टि व हिमपात ने झाड़ दिया है। हालांकि अप्रैल महीने में हिमपात होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन इस वर्ष सर्दियों में हिमपात न होने के कारण तापमान में बढ़ौतरी हो गई थी जो एक बार फिर से कड़ाके की शीतलहर में परिवर्तित हो गई है।

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Vijay