वर्षों से सूखती-सिकुड़ती न्यूगल खड्ड में बर्फबारी ने भरी जान

Saturday, Apr 27, 2019 - 11:52 AM (IST)

पालमपुर : सूखती-सिकुड़ती तथा मंद होती न्यूगल की जलधारा को इस बार संजीवनी मिली है। पलम से लेकर चंगर तक के क्षेत्र की लाइफलाइन इस खड्ड को धौलाधार पर हुई बंपर बर्फबारी ने नया जीवन दिया है। वर्षों बाद न्यूगल खड्ड में इस बार पहले की तरह पानी का बहाव देखने को मिला है। पिछले 3 दशकों में धौलाधार पर बर्फबारी लगभग 9 गुना कम हुई है। पहले जहां लगभग साढ़े 400 सैंटीमीटर वार्षिक हिमपात धौलाधार पर होता था परंतु अब यह आंकड़ा कम होकर लगभग 52 सैंटीमीटर वार्षिक पर ही जा अटका है।

न्यूगल का बहाव हिम जल पर आधारित है। ऐसे में अपने कैचमैंट एरिया के अंतर्गत आने वाली 251 गांवों की 6170 हैक्टेयर भूमि को सिंचित करने का कार्य न्यूगल संभालती है तो लगभग पौने 2 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति का माध्यम भी यह खड्ड है। यही नहीं अनेक लोगों की आजीविका भी इस खड्ड से सीधे-सीधे जुड़ी है। लगभग 200 से अधिक मछुआरों को मत्स्य अखेट हेतु विभाग द्वारा परमिट भी जारी किए जाते हैं। पिछले कई वर्षों से न्यूगल जल के बहाव में कमी के कारण पेयजल व सिंचाई योजनाएं गर्मियों में लगभग ठप्प हो जाती थीं। एक आंकड़े के अनुसार न्यूगल खड्ड के पानी से 61 गांवों के लिए उठाऊ सिंचाई योजनाएं हैं जबकि 190 गांवों में बहाव सिंचाई योजनाओं के माध्यम से खेत तर होते हैं।
 

kirti