बर्फ और हिमस्खलन के मंडराते खतरे के बीच अंधेरे में डूबा बर्फीला रेगिस्तान

Thursday, Feb 02, 2017 - 12:13 PM (IST)

उदयपुर: हिमाचल में बेशक बेरोजगारों की फौज है लेकिन जनजातीय क्षेत्र लाहौल के बिजली विभाग में कर्मचारियों का भारी अभाव है। मैन पावर के अभाव में बर्फ और हिमस्खलन के मंडराते खतरे के बीच यह बर्फीले रेगिस्तान अंधेरे में डूब गया है। धराशायी बिजली की तारों को जोड़ते हुए बिजली बहाली का कार्य यहां राज्य विद्युत परिषद के लिए चुनौतीपूर्ण ही नहीं बल्कि जोखिमपूर्ण भी बना हुआ है। आलम यह है कि बीते 11 दिनों से अंधेरों से जूझ रहे अधिकांश क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। बिजली की तारें बर्फ पर बिछी हैं लेकिन उन्हें जोड़ने के लिए विभाग को कर्मचारी नहीं मिल रहे हैं। कर्मचारियों की कमी को देखते हुए अंधेरों से जूझ रहे लाहौलवासियों के साथ अब पुलिस ने भी तारों को जोड़ने की कवायद शुरू की है।


बिजली विभाग में इस समय महज 7 कर्मचारी
जानकारी के अनुसार उपमंडल मुख्यालय उदयपुर के बिजली विभाग में इस समय महज 7 कर्मचारी हैं। बर्फ से बिजली की तारें जब सभी क्षेत्रों में बिछ गईं तो उसके बाद विभाग में कर्मचारियों की कमी भी उजागर हुई है। हालात इतने बदतर हुए हैं कि 150 किलोमीटर के दायरे में फैले जनजातीय उपमंडल उदयपुर में केवल 22 कर्मचारी तैनात हैं। यही हाल जिला मुख्यालय केलांग का भी है। केलांग में बिजली विभाग के पास इस समय 25 कर्मचारी कार्यरत हैं। इससे बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है कि दारचा से लेकर कोकसर और तांदी संगम से लेकर तिंदी भुजुंड के अलावा समूची मयाड़ घाटी के खंजर तक करीब 350 किलोमीटर के बर्फीले क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त बिजली की तारों को जोड़ने की उम्मीद यहां 47 कर्मचारियों से की जा रही है, वह भी ऐसे हालात में जब सभी सड़क मार्ग बर्फ  में दफन हैं। बर्फीले मंजर में जहां न तो आने-जाने का कोई साधन है और न ही कई स्थानों पर मोबाइल का सिग्नल है। थिरोट पावर हाऊस का संपर्क भी कटा हुआ है, ऐसे में कैसे जगमगा सकेगा अलग-थलग पड़ा बर्फीला रेगिस्तान। मजबूरन क्षेत्रीय लोगों ने सामूहिक श्रमदान का निर्णय लिया है। 


उदयपुर में पुलिस मैन बने लाइनमैन
थिरोट हाईड्रो प्रोजैक्ट से लेकर उदयपुर तक 17 किलोमीटर के दायरे में क्षतिग्रस्त बिजली की तारों को खींचने के लिए स्थानीय लोगों ने जब कमर कसी तो इस रस्साकशी में पुलिस मैन भी शामिल हो गए। पुलिस मैन जब लाइन मैन बने तब कहीं जाकर उपमंडल मुख्यालय में 10 दिनों बाद बिजली बहाल हो सकी है। उदयपुर के अतिरिक्त जिला मुख्यालय केलांग सहित सभी जनजातीय क्षेत्र बीते 11 दिनों से अंधेरे में डूबे हुए हैं।