रोहतांग में छूट की आड़ में काली की जा रही है बर्फ की चादर

Thursday, Jun 22, 2017 - 11:57 PM (IST)

कुल्लू: रोहतांग के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दी गई डीजल वाहनों की 60 व 40 के अनुपात की छूट की आड़ में रोहतांग की बर्फ की चादर को काली करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। रोहतांग को लेकर बेशक नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल डीजल इंजन वाहनों की आवाजाही के खिलाफ हो लेकिन वास्तविकता यह है कि रोहतांग से संबंधित जितने भी अधिकारियों या न्यायिक कमेटियों द्वारा रोहतांग के निरीक्षण दौरे हो रहे हैं, उन दौरों में जो वाहन इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनमें 99 फीसदी डीजल इंजन के ही वाहन शामिल हैं। 

डीजल इंजन वाहनों में ही आदेशों को लागू करने की कसरत
डीजल इंजन के वाहनों पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने वाले अधिकारी स्वयं भी अपनी बोलैरो, इनोवा व टाटा सफारी जैसे डीजल इंजन वाहनों में ही रोहतांग जाकर आदेशों को लागू करने के लिए कसरत कर रहे हैं। चाहे वे नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा गठित की गई कमेटियां हों, चाहे प्रदेश सचिवालय के वाहन हों, जिला के प्रशासन के वाहन हों, पुलिस के वाहन या वन विभाग के सरकारी वाहन हों, इनमें रोहतांग जाने वालीं 99 फीसदी गाडिय़ां डीजल इंजन हैं। 

डीजल इंजन वाहनों पर एन.जी.टी. ने लगाया था प्रतिबंध
प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार के सभी उच्चाधिकारी रोहतांग पर फैल रहे प्रदूषण को रोकने के एन.जी.टी. के दिए आदेशों को लागू करने के लिए डीजल इंजन वाहनों का ही प्रयोग कर रहे हैं जबकि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गत वर्ष डीजल इंजन के वाहनों को पूर्णतया ही रोहतांग के लिए प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन बाद में एन.जी.टी. ने 60 प्रतिशत पैट्रोल इंजन वाहनों और 40 प्रतिशत डीजल इंजन वाहनों को रोहतांग जाने के लिए राहत दे दी थी। 

सरकारी दौरे के बहाने बर्फ का दीदार
बार-बार एन.जी.टी. के आदेशों के मुताबिक पर्यटन व्यवसाय के लिए रोहतांग जाने वाले डीजल इंजन वाहनों पर सख्ती बरतने की बात कही जाती रही है लेकिन गत वर्ष से लेकर इस वर्ष तक के गर्मियों के सीजन में इन आदेशों की धज्जियां तब उड़ी हैं जब बाहरी राज्यों से वी.आई.पी. डीजल इंजन वाहन में अपने बीवी-बच्चों और रिश्तेदारों को लेकर भारी संख्या में बिना परमिट के सरकारी दौरे के बहाने रोहतांग की बर्फ का दीदार कर चुके हैं। 

हजारों पर्यटक नहीं कर पाए रोहतांग का दीदार 
इस वर्ष तो हजारों पर्यटक अपने वाहनों के रोहतांग के परमिट न मिलने के कारण रोहतांग का दीदार किए बिना ही वापस लौट गए। वहीं कुल्लू के ए.सी. टू डी.सी. डा. अमित गुलेरिया ने कहा कि सरकार द्वारा जिस भी अधिकारी को जो वाहन दिया गया है, वह उसी वाहन में अपनी ड्यूटी करेगा।