चिट्टे की तस्करी के मामले के बाद हरकत में आया परिवहन निगम, बाली ने दिया बड़ा बयान

Tuesday, May 02, 2017 - 11:06 AM (IST)

शिमला: आरएम सोलन की गाड़ी से चिट्टा पकड़े जाने के मामले के बाद परिवहन निगम भी हरकत में आ गया है। परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामले से प्रदेश परिवहन निगम की गरिमा को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी महेंद्र सिंह राणा इससे पहले भी अगस्त 2008 में सस्पैंड किए गए थे। उस समय भी संबंधित अधिकारी पर रिश्वत जैसे घिनौने आरोप लगे थे। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच जीएम स्तर अधिकारी करेंगे और वह 15 दिन के अंदर रिपोर्ट उन्हें सौपेंगे। उन्होंने कहा कि शोघी नाके पर पकड़े गए संबंधित अधिकारी के साथ जम्मू के ग्यासूदीन और कुछ लोग मौजूद थे। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर पाया गया है कि संबंधित अधिकारी के पास 4.400 किलो ग्राम चिट्टा था। बाली ने कहा कि यह बहुत ही संगीन मामला है, जिससे प्रदेश और देश के लाखों नौजवानों का भविष्य खराब हो रहा है और ऐसे मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 


सभी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ लोकसभा में बनाई जानी चाहिए नीति
इसके अतिरिक्त परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कहा कि न्यायालय के आदेशों के बाद एन.एच. से 500 मीटर की दूरी पर जो ठेके खोले जा रहे हैं, उनके संबंध में विभाग को स्थानीय महिला मंडलों और ग्राम पंचायतों से भी इजाजत लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनसे 20 से 25 महिला मंडल ठेके खोलने के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में प्रशासनिक आदेश ही नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार को भी अब ध्यान में रखना चाहिए। नीति आयोग ने 2024 में एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया है, इस संबंध में बाली ने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि ऐसा है तो फिर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को भी एक साथ करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलैक्शन पर होने वाला खर्चा भी कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ लोकसभा में नीति बनाई जानी चाहिए।


न्यायालय के आदेशों की अवहेलना न करें प्रशिक्षित परिचालक 
पत्रकारों द्वारा प्रशिक्षित परिचालकों द्वारा चलाए गए आमरण अनशन पर पूछे गए सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह न्यायालय के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अनशनकारियों को न्यायालय में अपना पक्ष रखना चाहिए और इस संबंध में वह भी उनका साथ देंगे।