PM को हर मंच से अपमानित करने का कांग्रेस ने किया प्रयास: स्मृति ईरानी

Wednesday, May 15, 2019 - 02:53 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी किशन कपूर के लिए प्रचार करने पालमपुर के गांधी मैदान में पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दल देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े होकर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश विरोधी ताकतों को जड़ से उखाड़ने का कार्य किया है तथा सीमा पर आतंकी कैंपों पर हमला कर देश विरोधी ताकतों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार का वोट भाजपा के प्रत्याशी के लिए नहीं अपितु हर उस निर्दोष के लिए है जिसने कांग्रेस तथा उनके सहयोगी दलों की तानाशाही से लोकतंत्र के संरक्षण का कार्य किया तथा जिन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। 

उन्होंने कहा कि यह लोग कांग्रेस तथा उसके सहयोगी की दलों की तानाशाही से जनता को मुक्त करवाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों ने प्रधानमंत्री को हर मंच से अपमानित करने का प्रयास किया, उनकी जाति पर कटाक्ष किया तथा उनकी मां तक को अपमानित किया। उन्होंने कहा कि इस बार का वोट मोदी के लिए पड़ेगा जिन्होंने अपमान तथा कटाक्ष साहा तथा विकास पथ पर अडिंग रहे। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव के 2 पक्ष है। एक पक्ष वह है जिसके हाथ में कई वर्षों तथा देश की तिजौरी को लूटा जबकि दूसरा पक्ष वह है जिसने किसानों को सम्मान निधि प्रदान करने का कार्य किया। ईरानी ने कहा कि एक पक्ष ने सेना प्रमुख तक को गुंडा कहा जबकि दूसरे ने सीमा पर जाकर जवानों के साथ दीवाली मनाने का कार्य किया।

एक पक्ष ने 84 के दंगों को हुआ तो हुआ कहा जबकि दूसरों ने गुनाहगारों को सलाखों के पीछे भेजने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अनेकों अपमान व कटाक्ष सहकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के संविधान को अपना परम ग्रंथ कहा। उन्होंने पश्चिमी बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो पर हमले पर ममता बैनर्जी को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दल तिलमिलाहट में ऐसा कर रहे हैं। भारत की राजनीति में ऐसा नजारा देखने को नहीं मिला जबकि बीजेपी का झंडा उठाने पर मौत के घाट लोग उतारे जाते रहे तथा जय श्री राम कहने पर जेल की सलाखों के पीछे लोगों को भेजा जाता रहा।

Ekta