शहीद की पार्थिव देह कुल्लू पहुंचते ही लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे

Saturday, Aug 05, 2017 - 01:06 AM (IST)

कुल्लू/मनाली: शुक्रवार देर रात जैसे ही शहीद तेंजिन छुलटिम का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान कुल्लू पहुंचे तो वैसे ही समूची घाटी में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। तेंजिन छुलटिम अमर रहे और जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक तेंजिन छुलटिम तेरा नाम रहेगा, जैसे नारों से घाटी गूंज उठी। इससे पहले हाथों में मोमबत्तियां लेकर खड़े लोग सन्न होकर एक टक अपने लाडले का इंतजार करते देखे गए। 25 वर्षीय इस युवक के पार्थिव शरीर को देख हर आंख नम हो गई। गुस्से में युवा पाकिस्तान के खिलाफ आग उगलते सुने गए। बता दें कि जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के करपट गांव का 25 साल का तेंजिन छुलटिम 4 साल पहले डोगरा स्काऊट में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। गत दिवस वह आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया था। 



इन्होंने दी शहीद को श्रद्धांजलि
उधर, प्रशासन की तरफ से कुल्लू में डी.सी. यूनुस, ए.डी.सी राकेश शर्मा, ए.सी. टू  डी.सी. अमित गुलेरिया, एस.डी.एम. रोहित राठौर, एस.पी. शालिनी अग्निहोत्री व ए.एस.पी. निश्चिंत नेगी सहित अन्य अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। बाद में शव को मनाली पहुंचाया गया। यहां नायब तहसीलदार मोहन लाल व डी.एस.पी. पुनीत रघु सहित अन्य लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।



राखी पर भाई आए पर इस तरह नहीं
घर में शहीद की पार्थिव देह का इंतजार कर रही बहनों ने बताया कि छुट्टी काट कर जाने से पहले तेंजिन उनसे वायदा कर गया था कि जल्द छुट्टी लेकर रक्षाबंधन पर घर आने की कोशिश करूंगा। तेंजिन ने वायदा तो राखी पर आने का पूरा किया लेकिन जिस तरह वह घर आया, ऐसा कोई बहन नहीं चाहेगी।



मुझे मेरे बेटे पर गर्व है : किशन चंद
पिता किशन चंद आंसू छुपाते हुए सबको हिम्मत बंधा रहे हैं। वह कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ है। लाहौल की डी.सी. देवा सिंह नेगी ने बताया कि शव को वाहन द्वारा लाहौल लाया जा रहा है। सेना के जवान शनिवार सुबह शव लेकर लाहौल पहुंचेंगे। 



शनिवार को करपट में होगा अंतिम संस्कार
शनिवार को करपट गांव में शहीद जवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें कि करपट गांव एक तरफ अपना जवान बेटा खोने से गमगीन है तो दूसरी तरफ  प्राकृतिक आपदा ने गांव को घेर लिया है। बादल फटने से झूला पुल और सड़क भी बह गई है। शहीद की मां तेंजिन आंगमो और 2 बहनें कभी आसमान की तरफ तो कभी रास्ते की तरफ  देख रही हैं।