दादा के बनाए पटड़े से शुरू हुआ स्कीइंग का सफर, आज बन गई इंटरनैशनल स्कीयर

Wednesday, Jan 24, 2018 - 09:03 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): राष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर चंडीगढ़ में सम्मानित हुईं विंटर स्पोर्ट्स में देश को पहला मैडल दिलाने वाली मनाली की आंचल ठाकुर अगले माह उत्तराखंड में होने वाले औली इंटरनैशनल में देश को गोल्ड दिलाने के लिए पूरी तरह आश्वस्त हैं। हाल ही में तुर्की में हुए इंटरनैशनल अल्पाइन एजडर कप में देश के लिए पहला कांस्य पदक जीत कर अपना और प्रदेश का नाम रोशन करने वाली आंचल ठाकुर ने मंडी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बचपन में दादा द्वारा बनाई गई लकड़ी की स्की (पटड़े) के सहारे बर्फ पर फिसलना उन्होंने घर के आंगन में ही सीखा और इस साहसिक खेल की ओर उनका रूझान बढ़ गया। 

मनाली में सोलंगनाला की ढलानें स्की के लिए अच्छी 
उनका कहना है कि दुनिया की सबसे अच्छी स्की ढलानें यूं तो यूरोप में ही हैं लेकिन हिमाचल के मनाली में सोलंगनाला की ढलानें स्की के लिए अच्छी हैं लेकिन इनकी खेल के अनुरूप ग्रुमिंग नहीं हुई है। अगर इसके उबड़-खाबड़पन को दूर कर यहां स्की रिजॉट्र्स बनाए जाएं तो वह युवाओं को इस साहसिक एवं रोमांचक खेल के गुर सिखाकर कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी देश को दे सकती हैं। आंचल के पिता रोशन ठाकुर स्की के राष्ट्रीय खिलाड़ी और स्की फैडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य भी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनाली में पैराग्लाइडिंग सिखाई है। 

बुआ के बेटे से लिया स्की का विधिवत प्रशिक्षण 
 उन्होंने आंचल को बचपन से ही इस खेल की ओर प्रेरित किया जबकि स्की का विधिवत प्रशिक्षण आंचल ने अपनी बुआ के बेटे हीरा लाल से प्राप्त किया। यही नहीं, उनके पिता ने आंचल को स्की का प्रशिक्षण लेने के लिए अपने खर्चे पर यूरोप भी भेजा, वहीं पर वह विंटर गेम्स फैडरेशन ऑफ इंडिया और इंटरनैशनल फैडरेशन ऑफ इंडिया की कई स्पर्धाओं में भाग ले चुकी हैं। वह वर्ष 2012 में विंटर ओलिंपिक, 2017 में एशियन विंटर गेम्स जापान और हाल ही में अल्पाइन एजडर कप तुर्की में देश के लिए पहला कांस्य पदक जीत कर लौटी हैं। 

प्रधानमंत्री से उम्मीद, हिमाचल में स्की को मिल सकता है बढ़ावा 
आंचल ने बताया कि अब स्की खेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में आ चुका है। अब उनसे इस खेल को देश में बढ़ावा देने की उम्मीद जगी है। उन्होंने बताया कि यूरोप की ढलानों में स्की के लिए उपयुक्त वातावरण है लेकिन हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी स्की के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि अगर सुविधाएं मिलें तो यहां भी यह खेल लोकप्रिय हो सकता है। आंचल ने बताया कि इसी साल उत्तराखंड के औली में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्की स्पर्धा होने जा रही है। देश में पहली बार हो रही इस प्रतियोगिता में वह देश के लिए गोल्ड मैडल जीतना चाहती हैं।