वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाने के बाद पैतृक गांव पहुंचे सितार वादक राजकुमार, लोगों ने ऐसे किया स्वागत

punjabkesari.in Wednesday, Sep 01, 2021 - 05:47 PM (IST)

हमीरपुर (अशोक): गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाले हमीरपुर जिला के सितार वादक शिक्षक राजकुमार का पैतृक गांव डबरेहड़ा में पहुंचने भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों और परिजनों ने ढोल-नगाड़ों के साथ सितार वादक राजकुमार का स्वागत किया, वहीं राजकुमार ने भी भव्य स्वागत होने पर खुशी जाहिर की। बता दें कि कोविड माहमारी के दौरान भी सितार वादक राजकुमार ने कला को बढ़ावा दिया है, जिसके चलते ही आज वर्ल्ड रिकाॅर्ड बन पाया है। राजकुमार ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षकों को दिया है। राजकुमार ने कहा कि सितार वादन एक सपना था जोकि आज पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में रूचि होने के चलते ही आज वर्ल्ड रिकाॅर्ड बना पाया हूं। उन्होंने कहा कि परिवार का भी सपना पूरा हुआ है, जिससे पूरा परिवार भी बहुत खुश है। 
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बचपन से था स्टेज पर गाना गाने का शौक

राजकुमार का कहना है कि उनका बचपन से ही स्टेज पर गाना गाने का शौक रहा है और काॅलेज में प्रशिक्षण का पता चला था। उन्होंने कहा कि हमीरपुर डिग्री काॅलेज में सितार वादन का प्रशिक्षण लिया और 1996 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी गोल्ड मैडल जीता था, वहीं नई दिल्ली में भी नए9नए मंच प्राप्त हुए है जिससे संगीत को बढ़ावा मिला है।
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बेटे की सफलता पर पिता भगत राम को गर्व

राजकुमार के पिता भगत राम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि गर्व की बात है कि बेटे ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है। वहीं माता सत्या देवी ने बताया कि अपने बेटे की उपलब्धि पर बहुत गर्व है और बेटे ने आज हमारा और पूरे हिमाचल का नाम रोशन किया है। ग्रामीण धर्मचंद का कहना है कि राजकुमार ने सितार वादन में परिवार और गांव व प्रदेश का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। उन्होने कहा कि आज राजकुमार का पहुचंने पर भव्य स्वागत किया गया है। राजकुमार के भाई जगत प्रकाश ने कहा कि पिता ने दिहाड़ी-मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण किया है और भाई ने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है जिससे पूरे परिवार का नाम रोशन हुआ है।
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32 घंटे 34 मिनट सितार बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

गौरतलब है कि हमीरपुर जिले के छोटे से गांव लंबलू डबरेहड़ा के रहने वाले संगीत शिक्षक राजकुमार ने सितार वादन में विश्व कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने 32 घंटे 34 मिनट सितार बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इससे पूर्व केरल के राधाकृष्णन मनोहरन ने अक्तूबर, 2017 में 29 घंटे 8 मिनट तक सितार बजाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। राजकुमार दिल्ली के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय सैक्टर-19 द्वारका में बतौर संगीत शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। राजकुमार ने 23 अगस्त को सुबह 8 बजे स्कूल के सभागार में सितार बजाना शुरू किया था। उनका उत्साहवर्द्धन करने के लिए खुद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया स्कूल पहुंचे थे।

कठिन परिस्थितियों में हासिल की उच्च शिक्षा

राजकुमार ने अपने गांव में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय डिग्री कॉलेज हमीरपुर से 1996 में संगीत विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की है। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और एमफिल तक की पढ़ाई पूरी की। राजकुमार के पिता भगत राम गांव में ही दिहाड़ी-मजदूरी करते हैं। अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाने के लिए राजकुमार ने दिल्ली में पार्ट टाइम म्यूजिक शो किए। कठिन परिस्थितियों और माली आर्थिक हालत में उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की। राजकुमार अपनी पत्नी सुषमा और 2 बच्चों के साथ दिल्ली में रहते हैं। बेटी अनुष्का भारद्वाज बीएससी कर रही है जबकि बेटा अनुभव भारद्वाज संगीत का प्रशिक्षण ले रहा है। 


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Content Writer

Vijay

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