जब शहीद कमलदेव वैद्य की बहन ने पूछा ये सवाल ताे सेना के जवानाें की आंखाें से बह निकले आंसू

Sunday, Jul 25, 2021 - 07:25 PM (IST)

भोरंज (रवि): लगमन्वीं पंचायत के घुमारवीं गांव के कमलदेव वैद्य की शहादत पर हर किसी को नाज है लेकिन अचानक युवा जवान को खोने से हर कोई दुखी है। रविवार को डोगरा रैजीमैंट के सिपाही अपने साथी शहीद कमलदेव वैैद्य के अंतिम संस्कार के बाद वापस जा रहे थे तो शहीद की छोटी बहन शशि बाला ने भीड़ से उठकर रोत-रोते सैनिकों को घेर लिया और वर्दी से पकड़ कर पूछने लगी कि मेरे भाई का शीश क्यों नहीं लाए हो। मैं अपने भाई का मुख कैसे देखती। इससे माहौल बेहद गमगीन हो गया और जो सेना के जवान शहीद की पार्थिव देह लेकर आए थे उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। 

बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से शहीद हुए थे कमलदेव वैद्य

उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को गश्त के दौरान बारूदी सुंरग पर पांव रखने के कारण विस्फोट से कमलदेव वैद्य बुरी तरह से जख्मी होकर शहीद हो गए थे। विस्फोट से कमलदेव वैैद्य की एक टांग व शरीर के अन्य भाग क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसी के चलते पैतृक गांव में शहीद के पार्थिवशरीर के दर्शन पूरी तरह से नहीं करवाए गए। इसी को लेकर शहीद की बहन शशि बाला अपने भाई के शीश और मुख को देखने के लिए रोती-बिलखती रही। 15 डोगरा रैजीमैंट के सूबेदार किशोर चंद ने परिजनों को कमलदेव वैद्य की शहादत के बारे में जानकारी दी थी। शहीद के पिता मदन लाल ने कहना है कि उनके बेटे ने देश की रक्षा करते हुए शहादत पाई है। इससे ज्यादा सरकार से क्या मांगा जा सकता है।

शहीद के नाम पर रखा जाए लुद्दर महादेव स्कूल का नाम : शशि शर्मा

वहीं लगमन्वीं पंचायत प्रधान शशि शर्मा का कहना है कि शहीद पहली से लेकर दसवीं कक्षा तक राजकीय उच्च पाठशाला लुद्दर महादेव में पढ़ा है, ऐसे में इस स्कूल का नाम शहीद कमलदेव वैद्य के नाम रखा जाए तथा बस्सी से जाहू वाया लगमन्वीं सड़क पर शहीद की याद में गेट बनाया जाए।  

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Vijay