मैसूर के दशहरा उत्सव में सिरमौरी नाटी ने मचाई धूम, पहाड़ियों ने जमकर लूटी वाहवाही(Video)

Friday, Oct 12, 2018 - 01:39 PM (IST)

नाहन (सतीश शर्मा): कर्नाटक के मैसूर के मशहूर दशहरा उत्सव में सिरमौरी नाटी ने धूम मचा दी है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से दक्षिण क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र तंजावुर द्वारा मैसूर में आयोजित मैसूर दशहरा उत्सव में चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने बहुरंगी कलाओं के उत्सव में भाग लेकर सिरमौरी संस्कृति की अमीट छाप-छोड़ी है। इस दस दिवसीय दशहरा उत्सव के आयोजन में चूड़ेश्वर के कलाकारों को दस से चौदह अक्तुबर तक सिरमौर जिला के पारम्परिक लोक नृत्यों के प्रदर्शन का अवसर प्राप्त हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप ये कलाकार मैसूर में अनेकों स्थानों में जिला सिरमौर के पारंपरिक लोक नृत्यों के प्रदर्शन में जुटे हैं।


कर्नाटक के मैसूर में इन दिनों भारतवर्ष के अनेकों राज्यों से आमंत्रित प्रत्येक राज्य के अग्रिणी सांस्कृतिक दलों में हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर रहे चूड़ेश्वर लोकनृत्य सांस्कृतिक मण्डल के लोक कलाकारों के अलावा, गुजरात, सिक्किम, नागालैंड, पचिम बंगाल, तमिलनाडू, मणीपुर, उडीसा, तेलंगाना, गोआ, आसाम, केरला, अरूणाचल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के लोक नृत्य दल अपने राज्य के लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे है। पूरे भारतवर्ष से आए अनेकों सांस्कृतिक दलों की विशाल मंच पर प्रस्तुतियों में चूड़ेश्वर के लोक कलाकार अपने पारम्परिक लोक नृत्यों की प्रस्तुति देकर विोष पहचान बनाए हुए हैं। 10 से 14 अक्तूबर तक चूड़ेश्वर के कलाकार गत मास में जोगेन्द्र हाब्बी व विद्यानन्द सरैक के निर्देशन में तैयार की गई। 


बसंत व ग्रीष्मकाल लोक विधाओं में मौसम के अनुसार लोकगीतों व नृत्य की विधाओं की प्रस्तुति के साथ-साथ दीपक व परात नृत्य की आकर्षक लोक लुभावनी विधाओं का लोक कलाकार झूम-झूम कर बहुरंगी प्रदर्शन करके मैसूर की जनता में एक प्रंशसनीय पहचान बना रहे हैं। विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से लोक कलाकार अपने हुनर व मेहनत से प्रदेश की संस्कृति की पहचान बनाने में जुटे हैं। उदयपुर की जनता के लिए संदीप व रमेा की ढोल तथा ओम प्रकाश की नागड़ा व जितेन्द्र की करनाल की ध्वनी की ऊंची गूंज भी बेहद आकर्षक व रोचक रही है, जिसके परिणाम स्वरूप चूड़ेश्वर के कलाकारों ने मैसूर दशहरा उत्सव में पारम्परिक लोक नृत्य विधाओं की आकर्षक प्रस्तुति देते हुए दर्शकों की तालियां बटोरकर सिरमौरी समृद्व संस्कृति का मान बढ़ाया है।

Ekta