अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरे में छाया हिमाचल का ‘देसी बर्गर’, 5 दिन में तोड़ डाले बिक्री के सारे रिकॉ

Sunday, Oct 13, 2019 - 05:07 PM (IST)

कुल्लू  (पुरुषोत्तम): हिमाचल के परम्परागत व्यंजन सिड्डू ने अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। सिड्डू जिसे देसी बर्गर भी कहा जाता है, ने 5 दिन में एक करोड़ का कारोबार कर लिया है। दशहरे में आने वाले हर शख्स के मुंह में सिड्डू का स्वाद है। मेले में पूरा एक फूड कोर्ट सिड्डू  के नाम है, जहां ग्रामीण महिलाएं और स्वयं सहायता समूह सिड्डू  बनाकर परोस रहे हैं।  बर्गर की तरह दिखने वाला सिड्डू हिमाचल में सदियों से बनाया और खाया जाता है। वैस्टर्न बर्गर के विपरीत यह अव्वल दर्जे का पौष्टिक और औषधीय भोजन है जो न सिर्फ मुंह के स्वाद का बल्कि खाने वाले के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है।

एेसे बनाया जाता है सिड्डू

गेहूं के आटे की लोइयों में अखरोट, पोस्त और दूसरे मेवे भरकर स्टीम से तैयार किए जाने वाले सिड्डू को देसी घी और पारम्परिक लिंगड़ के अचार के साथ परोसा जाता है।  लिंगड़ पहाड़ी नदियों किनारे उगने वाली जड़ी है, जिसकी सब्जी और अचार बनता है,  ऐसे में खाने से पहले ही खुशबू मदहोश कर देती है।  समय के साथ इसे मेलों में  स्थान मिला और अब यह गांव की महिलाओं की आर्थिक संबल का भी स्तम्भ बन गया है। जो महिलाएं इसे घरों में बनाती थीं वे अब इसे बेचकर अच्छे पैसे कमा रही हैं। 

दशहरा मेले में सिड्डू स्टाल पर लग रही लाेगाें की भीड़

हालांकि अब समय के साथ पारम्परिक रसोई पर आधुनिक व्यंजनों का कब्जा हो गया है। अब लोग घरों में ऐसे पकवान गाहे बगाहे किसी खास मौके पर ही पकाते हैं, ऐसे में जब दशहरा मेले में लोगों की नजर सिड्डू स्टाल पर पड़ती है तो वे इस पर टूट पड़ रहे हैं और जी भरकर इस देसी बर्गर का मजा ले रहे हैं। फिर चाहे वे बड़े, बच्चे या महिलाएं क्यों न हों। हर किसी की जुबां से सिड्डू के चटखारे टपक रहे हैं। अगर सरकारें जरा सा भी ध्यान दें तो पारम्परिक स्वादिष्ट व्यंजनों का दौर न सिर्फ फिर से लौट सकता है बल्कि यह आमदनी का एक बड़ा जरिया भी बन सकता है।

Vijay