देव पालकियों की विदाई के साथ श्री रेणुका जी मेला संपन्न

Sunday, Nov 05, 2017 - 01:43 AM (IST)

श्री रेणुका जी: 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी का शनिवार को समापन हो गया है। समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत पहुंचे। राज्यपाल ने देवपालकियों को कांधा देकर विदा किया और उसके साथ ही मेले का विधिवत समापन हो गया। रेणु मंच से अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि मेले व त्यौहार हमारी संस्कृति के परिचायक हैं और इसमें हमारी पौराणिक संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि मेले से मेल-जोल बढ़ता है, साथ ही महापुरुषों की जीवन शैली समझने का अवसर भी मिलता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए देवभूमि को शराब मुक्त बनाना चाहिए व स्वच्छता रखनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री की स्वच्छता योजना की भी तारीफ  की।

चित्र की बजाय चरित्र की पूजा करें लोग
राज्यपाल ने लोगों से चित्र की बजाय चरित्र की पूजा करने पर बल दिया। उन्होंने भगवान परशुराम के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने बुराइयों को मिटाने के लिए अपने हाथ में वेदों के साथ-साथ हथियार भी धारण किया लेकिन कभी भी राजपाठ को ग्रहण नहीं किया उन्होंने कहा कि भारत का दुर्भाग्य है कि यहां वृद्धाश्रम बनाए जा रहे हैं इसका कारण लोगों का मां बाप की सेवा न करना है उन्होंने धर्म को पाखंड का रूप धारण कर रहे लोगों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने श्राद्ध तर्पण का अर्थ बताते हुए कहा कि जीवित मां-बाप की इतनी सेवा करनी चाहिए। 

माता-पुत्र के मिलन का प्रतीक है मेला
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेला माता व पुत्र के मिलन का प्रतीक है। दशमी के दिन भगवान परशुराम अपनी मां रेणुका से मिलने श्री रेणुका जी पहुंचते हंै। इसके उपरांत उन्होंने यहां विभिन्न संस्थाओं व विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का निरीक्षण किया। जिसके बाद विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।