कोटखाई केस में गिरफ्तार पुलिस कर्मियों के चौंकाने वाले खुलासे, हो सकती हैं नई गिरफ्तारियां

Monday, Sep 04, 2017 - 12:06 AM (IST)

शिमला: गुडिय़ा प्रकरण में क्या नेताओं की भी संलिप्तता सामने आ रही है? इस बारे में सी.बी.आई. गहनता से जांच कर रही है। सी.बी.आई. सूत्रों के अनुसार नेताओं के लिंक की भी जांच-पड़ताल चल रही है। सी.बी.आई. द्वारा गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारियों से कड़ी पूछताछ से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनके आधार पर अब जांच की दिशा बदलेगी। हालांकि अभी तक किसी भी नेता का नाम सामने नहीं आया है लेकिन इस संबंध में तफ्तीश होने लगी है। सूरज केस की गुत्थी सुझलाने के करीब पहुंची सी.बी.आई. की एस.आई.टी. अब गुडिय़ा केस पर फोकस करेगी। उसे जांच में कई सुराग मिल चुके हैं। इनके आधार पर कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। उधर, पूछताछ के लिए सी.बी.आई. मुख्यालय गए 3 पुलिस अधिकारी एस.पी. रैंक के डी.डब्ल्यू. नेगी, ए.एस.पी. भजन देव नेगी और डी.एस.पी. रतन नेगी भी वापस शिमला नहीं आए हैं। 

आई.जी. के बाद अब किसकी बारी? 
आई.जी., डी.एस.पी. और उनकी टीम के बाद अगली किसकी बारी है? इस सवाल का सी.बी.आई. जल्द जवाब दे सकती है। वह सूरज केस की कड़ी को गुडिय़ा प्रकरण से जोड़ रही है। बड़ा सबूत मिलते ही एक और बड़ी कार्रवाई हो सकती है। राज्य में भी पुलिस पर राजनेताओं का दबाव रहता है। कई अधिकारी मलाईदार पोस्टिंग पाने के लिए दबाव के आगे सरैंडर कर देते हैं। इसकी झलक पुलिस की कार्यप्रणाली से दिखती भी रही है। जानकारों की मानें तो गुडिय़ा केस में भी कुछ पुलिस वालों ने राजनेताओं के इशारे पर कार्य किया है। अपनी तरक्की के चक्कर में उन्होंने साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे भी अपनाए, तभी सूरज की हत्या का इल्जाम राजू के सिर पर मढ़ दिया। अब उनकी इस संदेहास्पद भूमिका से पर्दा उठ रहा है।

बेल या फिर जेल, आज होगा तय
आई.जी. व डी.एस.पी. समेत आरोपी 8 पुलिस वालों को सोमवार को शिमला के कोर्ट में पेश किया जाएगा। अभी ये दिल्ली में हैं। इन्हें सुबह वहां से शिमला लाया जा सकता है। इनको बेल मिलेगी या जेल होगी, यह कोर्ट तय करेगा। अगर रिमांड बढ़ा तो फिर से सी.बी.आई. के पास जाएंगे। यदि नहीं मिला तो फिर न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।  इन पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सूरज की हत्या को लेकर सी.बी.आई. ने 29 अगस्त को शिमला में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 4 सितम्बर तक पुलिस रिमांड पर भेजा था। एक रात आरोपियों की बालूगंज थाने में कटी थी। दूसरे दिन सुबह ही इन्हें दिल्ली ले जाया गया था। तब से जांच एजैंसी के मुख्यालय में ही रखा गया है। वहीं पर हवालात में इन अफसरों व कर्मियों की रातें कट रही हैं।