शिव मंदिर बैजनाथ में मकर संक्रांति के दिन चढ़ाया जाएगा घृतमंडल

Tuesday, Jan 12, 2021 - 05:51 PM (IST)

बैजनाथ (ब्यूरो): मकर संक्रांति के अवसर पर शिव मंदिर बैजनाथ में घृतमंडल चढ़ाया जाएगा, जिसको लेकर मंदिर में तैयारियां शुरू हो गई है। मंगलवार को लगभग 1 क्विंटल शुद्ध घी को धोकर माखन तैयार किया जा रहा है। इस माखन को तैयार करने के लिए मंदिर के पुजारी व कर्मचारियों में कांगड़ा मंदिर से आए पुजारी सदन शर्मा, पुश्तैनी पुजारी धर्मेन्द्र शर्मा, संजय शर्मा, सुरेन्द्र आचार्य, कुलदीप, शान्ति सरुप, शशिपाल, रवि कुमार, शशि कुमार, रमेश कुमार तथा प्रीतम चंद आदि पूरी निष्ठा के साथ लगेे हुए हैं। कोरोना महामारी के चलते हर वर्ष की अपेेक्षा इस बार घृतमंडल कम चढ़ाया जाएगा।

शिवलिंग पर चढ़ाया जाएगा घृतमंडल

कांगड़ा से आए पुुजारी सदन शर्मा ने बताया कि मंगलवार को लगभग 1 क्विंटल घी का माखन तैयार किया जा रहा है। बुधवार को भी इतना ही माखन बनाया जाएगा। इस माखन का उपयोग मकर सक्रांति के दिन पूरे विधि-विधान से शिव मंदिर मे विराजमान अर्धनारीश्ववर भगवान शिव व मां पार्वती के स्वरूप में बने शिवलिंग पर चढ़ाया जाएगा तथा घृतमंडल को चढ़ाने के पश्चात उसकी सजावट सूखे मेवों व फलों से की जाएगी। मंदिर में उपस्थित कर्मचारी ने बतायाा कि मंगलवार को श्रद्धालुओं ने लगभग 50 किलो शुद्ध घी मंदिर में चढ़ाया है तथा अभी और घी भी श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया जा सकता है।


क्यों चढ़ाया जाता है घृतमंडल

मकर संक्रांति पर माखन का लेप किए जाने को लेकर अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं। मंदिर पुजारी सुरिंद्र आचार्य के अनुसार मंडी रियासत के राजा चंद्र सेन ने भगवान शिव के दर्शन किए और उनके मन में शिवलिंग को मंडी ले जाने की इच्छा पैदा हुई। राजा चंद्रसेन ने इच्छापूर्ति के लिए भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और इस दौरान राजा अचेत हो गए। अचेत स्थिति में राजा को सपना आया कि ऐसा करने पर उसकी रियासत का विनाश हो जाएगा। इसका प्रायश्चित करने के लिए राजा ने हर वर्ष एक मन घी से लेप करने का वचन दिया। राजा के न रहने पर स्थानीय लोग 2-3 किलोग्राम घी से लेप करने लगे और वर्तमान में यह क्विंटलों तक पहुंच गया है। कांगड़ा से आए सदन शर्मा  ने बताया कि मान्यता के अनुसार जालंधर दैत्य से युद्ध के दौरान समस्त देवी देवताओं को जख्म हो गए थे और उन जख्मों पर मरहम लगाने के लिए लेप किया।

औषधि का रूप धारण कर लेता है घृतमंडल

कुछ चिकित्सकों की मानें तो 7 दिन तक पवित्र शिवलिंग पर लेप होने व 108 बार ठंडे पानी से धोने तथा मेवों के साथ रहने के कारण से यह घृतमंडल औषधि का रूप धारण कर लेता है और चर्म रोगों के निवारण के लिए सहायक रहता है।  मंदिर न्यास सहायुक्त एवं एसडीएम बैजनाथ छवि नांटा ने कहा कि ऐतिहासिक शिव मंदिर में घृत मंडल पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि घृत मंडल के दर्शन श्रद्धालु दूर से दर्शन कर सकेंगे।

Vijay