शिमला में पानी की किल्लत से पीटा होटल कारोबार

Monday, Jun 18, 2018 - 04:40 PM (IST)

शिमला(राजीव):शिमला में पानी की समस्या को लेकर छपी खबरों से सबसे स ज्यादा नुक्सान होटल इंडस्ट्री को हो रहा है। शिमला होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि सात दिनों को छोड़ दिया जाए तो शिमला के होटलों में पानी की कभी कमी नही रही। क्योंकि होटल ख़ुद टैंकरों से पानी मंगवाते है। बाबजूद इसके पिछले दिनों पानी की समस्या को लेकर जिस तरह की खबरें छपी उसके बाद होटल में टूरिस्ट 50 फीसदी कम हुआ है। टूरिस्ट सीजन में भी कमरे खाली पड़े है जबकि जून माह में होटलो में जगह नही मिलती थी। होटलों को टूरिस्ट सीजन में भी 20 से 30 फ़ीसदी डिस्काउंट देना पड़ रहा है। पानी की दिक्कत से टूरिस्ट ने अपनी बुकिंग भी कैंसिल कर दी।

6 कमरों के होम स्टे योजना पर सवाल उठाए 
इसके अलावा अब तो शिमला में पानी की किल्लत नही है पानी की सप्लाई नियमित हो गई है। इसलिए होटलों में पानी की जरा भी समस्या नहीं है। एसोसिएशन  6 कमरों के होम स्टे योजना पर सवाल उठाए और कहा कि स्टे होम में पानी की ज्यादा ख़पत होती है। बदले में होम स्टे से किसी तरह का टैक्स तक नहीं लिया जाता, इसलिए रेसिडेंशियल शहरी क्षेत्रों में होम स्टे पर पर बैन लगना चाहिए। शिमला में 200 के क़रीब होम स्टे चल रहे है, जबकि इनमें 96 पंजीकृत है और बाकि अवैध रूप से चल रहे है। शिमला जिला में 425 से अधिक होटल हैं, जिनमें 268 पंजीकृत होटल हैं। 2010 तक होटलों की संख्या क्रमशः 300 ओर 160 थी, जबकि शिमला में 650 से अधिक ट्रैवल एजेंसी, 114 से अधिक रेस्टोरेंट औऱ करीब 305 टूरिस्ट गाइड हैं। अब टूरिस्ट संख्या में घाटा आने से इसका खासा नुक्सान सभी को भुगतना पड़ रहा है।

kirti