मैदान में कूदने को पार्टियां तैयार, अब फैसले का इंतजार

Monday, Apr 24, 2017 - 09:08 AM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला के मैदान में कूदने को सियासी पार्टियों ने पूरी तरह से कमर कस ली है। राज्य चुनाव आयोग से पहले सबकी नजरें सरकार पर टिकी हुई हैं। सभी को पार्टी सिंबल और रोस्टर के मसले पर सरकार के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। इस निर्णय के लिए सबसे ज्यादा बेकरार भी कांग्रेस का एक धड़ा है। रोस्टर का मौजूदा फार्मूला लागू हुआ तो इस धड़े की सियासत भी खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगी। हालांकि सरकार के भीतर भी विरोधाभास है। नौकरशाही और सरकार के मध्य भी दोनों ही मुद्दों पर एक राय नहीं बन पाई है, ऐसे में कांग्रेसी मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली के बहाने शिमला में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा एक तीर से दो निशाने साध रही है। 


चुनाव के लिए भाजपा ने शुरू की तैयारियां
पार्टी रैली के जरिए विधानसभा चुनाव का तो बिगुल तो फूंकेगी ही, नगर निगम चुनाव के लिए भीड़ को भुनाने का प्रयास करेगी। इस दिशा में प्रयास आरंभ हो गए हैं। पार्टी की निगम चुनाव की कमान डा. राजीव बिंदल के हाथों में है। उन्होंने चुनाव का प्रारम्भिक खाका बुन भी लिया है। त्रिलोक जम्वाल और महेंंद्र धर्माणी भी उनकी टीम का अहम हिस्सा हैं। इस ‘तिकड़ी’ ने कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर रखा है। कहा जाता है कि बिंदल चुनावी प्रबंधन में यूं ही महारत हासिल है। यह चुनाव के नतीजे बताएंगे कि शिमला का ताज किसके सर पर सजेगा? कौन बनेगा पहाड़ों की रानी शिमला का किंग और किसे मिलेगी पराजय? यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। 


वोटर लिस्ट में खामियों पर लगातार उठ रहे सवाल 
वार्डों में समपित कार्यकत्ताओं की टीम अभी से झोंक दी गई है। उन्हें किसी मिशन की तरह कार्य करने का जिम्मा दिया जा रहा है। सिलसिलेवार चुनावी गतिविधियां आगे बढ़ेंगी। हालांकि औपचारिक तौर पर प्रचार तब शुरू होगा, जिस दिन राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव का ऐलान करेगा। आयोग भी चुनाव के लिए तैयारियों में जुटा है। यह दीगर है कि वोटर लिस्ट में खामियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। वार्डों में वोटर गायब होने के लिए मानवीय भूल नहीं तकनीक को जिम्मेदार ठहराया गया, पर अभी भी वोटर लिस्ट पर विवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसे लेकर भाजपा राज्य चुनाव आयोग तक का दरवाजा खटखटा चुकी है लेकिन मुलाकात से कोई खास फर्क नहीं आया। 


वार्डों में झाड़ू लगाने से पार्टी के पक्ष में बनाया माहौल
भाजपा कार्यकत्ताओं ने रविवार को स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू के बहाने वार्डों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया। मौका मोदी की रैली से पूर्व सफाई मुहिम छेड़ने का था। लेकिन इसके आसरे निगम चुनाव पर भी माहौल गरमा गया है। यह अभियान 26 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान सभी वार्डों में पार्टी के प्रमुख नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। इसके माध्यम से कार्यकत्ताओं को लोगों के बीच जाने का एक और मौका मिल गया है। एक पंथ और दो काज वाली कहावत चरितार्थ हो गई है। स्वच्छता अभियान भी चलेगा और साथ में चुनावी चर्चा भी। चुनाव घोषित होने से पूर्व चर्चा में रहना भी किसी भी पार्टी के काफी मायने रखती है। पहले निगम में 25 वार्ड थे। अब बढ़कर 34 हो गए हैं। अभियान इन सभी वार्डों में चलाया जा रहा है। 4 दिनों तक लगातार इस मुद्दे के नाम पर नगर निगम के चुनाव पर फोकस किया जाएगा। एक तरह से यह जन संपर्क अभियान सरीखा ही है। इसमें कार्यकत्र्ताओं का आपस में तालमेल बढ़ेगा। उसमें निगम से जुड़े कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। इसमें जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित हो सकेगी। 


हर वार्ड में बांटे जाएंगे 1 हजार निमंत्रण
अभियान के पहले दिन पार्टी नेताओं व कार्यकत्र्ताओं के साथ-2 स्थानीय जनता ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया तथा अपने मोहल्लों, गलियों, नालों व चौहारों आदि जगहों पर सफाई की। पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक डा. राजीव बिंदल व विधायक सुरेश भारद्वाज आदि ने शुरूआत की। स्वच्छता अभियान के साथ-2 भाजपा द्वारा जनसंपर्क अभियान भी चलाया गया और शहर की जनता को प्रधानमंत्री मोदी की शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में होने वाली परिवर्तन रैली का निमंत्रण दिया जा रहा है। जहां-जहां सफाई की जा रही है, वहां कार्यकत्ता अपने घरों में पार्टी के झंडे भी लगा रहे हैं। कसुम्पटी विधानसभा के नगर-निगम प्रभारी बिहारी लाल ने बताया कि आगामी 3 दिनों तक सफाई अभियान जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रधानमंत्री की रैली के हर वार्ड में 1 हजार से अधिक निमंत्रण बांटे जाएंगे।