नोटबंदी के बाद महंगाई ने पकड़ी रफ्तार, जानिए कितने महंगे हुए खाद्य पदार्थ?

Sunday, Dec 04, 2016 - 12:09 PM (IST)

शिमला: नोटबंदी के बाद अब खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि होने लगी है। इस वृद्धि से आम जनता पर आर्थिक भार बढऩे लगा है। पहले ही नोटबंदी के कारण नकदी की समस्या जनता के सामने बनी हुई है, अब सीमित नकदी के साथ महंगे दामों में खाद्य वस्तुएं खरीदने से आम जनता परेशान होने लगी है। स्थिति यह है कि रोजमर्रा की वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है और इस वृद्धि से गृहिणियों का बजट बिगड़ने लगा है। यहां तक कि पतंजलि के प्रोडक्ट्स के दामों में भी उछाल देखने को मिला है।


इतने बढ़े खाद्य वस्तुओं के दाम
पतंजलि के घी के दामों में 20 रुपए से लेकर 40 रुपए तक की वृद्धि देखी जा रही है, वहीं सब्जियों के दामों में आंशिक वृद्धि हुई है। मटर पहले जो 40 रुपए था अब 50 रुपए हो गया है, वहीं टमाटर, मशरूम, भिंडी और अरबी के दामों में 10 से 20 रुपए की वृद्धि हुई है। इससे साफ है कि घरेलू खाद्य वस्तुओं में आंशिक वृद्धि हुई है जबकि बाकी दाम सामान्य ही हैं।


शिमला के बड़े स्टोर में नहीं हुई दामों में वृद्धि
शिमला के बड़े स्टारों में खाद्य पदार्थों के दामों में वृद्धि नहीं हुई है। बड़े स्टोर के कारोबारियों ने दावा किया है कि यहां किसी प्रकार से जरूरी खाद्य पदार्थों में वृद्धि नहीं हुई है। शिमला स्थित एक निजी स्टोर के मैनेजर राज कुमार और सप्लाई सैक्शन का काम देखने वाले प्रशांत ने बताया कि उनके यहां पिछले 15 से 20 दिनों के बीच किसी भी वस्तु में कोई वृद्धि दर्ज नहीं हुई है, वहीं शिमला के नारकंडा पतंजलि के आरोग्य केंद्रों में देसी घी को छोड़कर कोई वृद्धि नहीं हुई है। 


व्यवसायी बोले, नोटबंदी से लोग कम कर रहे खरीददारी 
व्यवसायियों का कहना है कि लोग नकदी की दिक्कत के चलते खाद्य पदार्थों की कम खरीदारी कर रहे हैं जिससे सप्लाई की कमी नहीं है लेकिन मांग में समस्या आ रही है, ऐसे में वृद्धि की कल्पना नहीं हो सकती। इनका तर्क है कि अगर मांग और आपूर्ति में सप्लाई कमजोर हो तो वृद्धि होती है लेकिन अगर डिमांड कम हो तो दामों में उछाल नहीं आता है।