हिमाचल के 45 निजी कालेजों के प्रधानाचार्य पाए गए अपात्र

punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 11:10 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश मेें स्थित 45 निजी कालेजों के प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए हैं। नियमों को ताक पर रखकर इन प्रधानाचार्यों की नियुक्ति हुई है। निजी कालेजों के प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त व्यक्तियों की सिलैक्शन प्रक्रिया व पात्रता की जांच करने के बाद इसका खुलासा हुआ है। प्रथम चरण में हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की जांच कमेटी ने 61 निजी कालेजों के प्रधानाचार्यों का रिकार्ड खंगाला। इनमें 45 प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए हैं, जबकि 16 प्रधानाचार्य पात्र पाए गए हैं। प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां नियमों के विरुद्ध पाए जाने के बाद अब अपात्र प्रधानाचार्यों पर गाज गिरेगी। इससे पहले नियामक आयोग ने अपात्र प्रधानाचार्यों को एक बार अपना पक्ष रखने का मौका देने का भी निर्णय लिया है। तय समयावधि में ये प्रधानाचार्य अपना पक्ष रख सकेंगे। पक्ष सुनने के बाद और पक्ष के साथ अपात्र प्रधानाचार्यों द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की जांच करने के बाद भी अगर उक्त प्रधानाचार्य अपात्र पाए जाते हैं तो उन्हें पद से हटना होगा।

यहां बता दें कि प्रदेश में स्थित निजी कालेजों में विश्वविद्यालय व सरकार की गाइडलाइंस को दरकिनार कर प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां हुई हैं। नियामक आयोग द्वारा गठित जांच कमेटी ने निर्धारित फॉर्मेट पर आई प्रधानाचार्यों की रिपोर्ट व दस्तावेजों को खंगालने के बाद अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपी। इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कई निजी कालेजों में अपात्र प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां हुई हैं। उल्लेखनीय है कि जिन निजी कालेजों के प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए हैं, उनमें बी.एड./एम.एड. कालेजों के अलावा फॉर्मेसी, लॉ, मैनेजमैंट, डैंटल, नॄसग, डिग्री कालेज, संस्कृत कालेज व इंजीनियरिंग कालेजों के प्रधानाचार्य शामिल हैं। गौरतलब है कि निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों पर कार्रवाई के बाद अब निजी कालेजों के अपात्र प्रधानाचार्यों पर भी कार्रवाई होगी।

सूचना के अनुसार प्रधानाचार्य जिन कारणों के चलते अपात्र पाए गए हैं उनमें निजी कालेजों के प्रधानाचार्य संबंधित यूनिवॢसटी से स्वीकृति न लेने, नियमित प्रधानाचार्य के न होने और कार्यकारी/स्टाप गैप व्यवस्था करने का कारण, संबंधित विश्वविद्यालय प्रबंधन से प्रधानाचार्य की नियुक्ति को लेकर स्वीकृति का इंतजार, उचित चयन प्रक्रिया न अपनाने, तकनीकी शिक्षा बोर्ड से स्वीकृति न लेने, विश्वविद्यालय के नियमों के तहत नियुक्ति न होने व दस्तावेज न लगाने के कारणों के चलते अपात्र पाए गए हैं।

किन निजी कालेजों में कितने प्रधानाचार्य अपात्र
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा की गई जांच में अब तक 61 निजी कालेजों की जांच प्रक्रिया पूरी हो गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार 10 फॉर्मेसी निजी कालेजों के प्रधानाचार्यों में से 7 अपात्र और 3 पात्र, 18  बी.एड./एम.एड. कालेजों के प्रधानाचार्यों में से 8 अपात्र और 10 पात्र पाए गए हैं, जबकि 4 संस्कृत कालेजों के प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए हैं। इसके अलावा 5 डिग्री कालेजों के प्रधानाचार्यों में से 4 प्रधानाचार्य अपात्र और 1 पात्र, 14 नॄसग कालेजों के प्रधानाचार्यों में से सभी 14 प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए जबकि 3 लॉ कालेजों के प्रधानाचार्यों में से 2 प्रधानाचार्य अपात्र और 1 पात्र, 2 मैनेजमैंट कालेजों के प्रधानाचार्यों में से दोनों प्रधानाचार्य अपात्र और 2 निजी डंैटल कालेजों के प्रधानाचार्य अपात्र पात्र गए हैं। इसके अलावा इंजीनियरिंग कालेजों के प्रधानाचार्यों में से 2 अपात्र व 1 पात्र पाया गया है।

हि.प्र. निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग चेयरमैन मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतुल कौशिक  का कहना है कि अब तक 61 निजी कालेजों की जांच रिपोर्ट आई है। इनमें से 45 कालेजों के प्रधानाचार्य अपात्र पाए गए हैं, जबकि 16 कालेजों के प्रधानाचार्य नियमों के तहत नियुक्त हुए हैं। अपात्र प्रधानाचार्यों को दस्तावेजों सहित पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। पक्ष रखने के बाद भी अगर वे अयोग्य जाते हैं तो उन्हें पद से हटना होगा।


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Content Writer

Kuldeep

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