हिमाचल में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुक्सान

punjabkesari.in Monday, May 31, 2021 - 11:32 PM (IST)

शिमला (देवेंद्र/हैडली): प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से सोमवार को अधिकतर क्षेत्रों में तेज आंधी के साथ-साथ जोरदार बारिश हुई। कई इलाकों में ओलावृष्टि और तूफान ने किसानों पर खूब कहर बरपाया है। ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुक्सान हुआ है। ऊपरी शिमला, पालमपुर, रैत, हमीरपुर, ज्वालामुखी व भरमौर के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और तूफान से फसलों को काफी क्षति हुई है।  ओलावृष्टि के बाद कई जगह बर्फ सी सफेद चादर बिछ गई। शिमला के फागू, कुफरी, बलेवघाटी, मत्याना, गड़ाकुफर, चियोग व शिलारू इत्यादि क्षेत्रों में ओलावृष्टि से सेब को भारी नुक्सान हुआ है। इससे सेब के दानों पर दाग लग गए हैं। इसी तरह पलम, खुमानी, नाशपाती, मटर, फ्रासबीन, टमाटर, फूलगोभी व राजमाह को भी क्षति हुई है। तूफान के कारण सेब के दाने झड़कर जमींदोज हो गए हैं। इससे कई जगह सेब के पौधों की टहनियों को भी नुक्सान हुआ है। इससे पहले भी करीब 300 करोड़ रुपए का नुक्सान विभिन्न फलों को बेमौसमी बर्फबारी और ओलावृष्टि से हो चुका है। कृषि उपज को भी ओलावृष्टि से करोड़ों की चपत लग गई है। कोरोना के बाद इस साल कुदरत किसानों की खूब परीक्षा ले रही है। मौसम में आए इस बदलाव से तापमान में गिरावट आने से गर्मी के प्रकोप में कमी आई और मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग ने 2 जून तक मैदानी व मध्य पर्वतीय इलाकों में अंधड़ व गरज-चमक के साथ बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया है। जून के आखिरी सप्ताह में मानसून के प्रदेश में दस्तक देने के आसार हैं।

जून के आखिरी सप्ताह में तस्तक देगा मानसून
मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने बताया कि मैदानी भागों में 3 जून और उच्च पर्वतीय इलाकों में 5 जून से मौसम के साफ  होने की संभावना है जबकि मध्य पर्वतीय इलाकों के तहत आने वाले क्षेत्रों शिमला, सोलन, सिरमौर, चम्बा और कुल्लू में 6 जून तक मौसम खराब बना रहेगा। उन्होंने कहा कि 26 जून के आसपास मानसून प्रदेश में दस्तक दे सकता है।

रोहतांग सहित ऊंची चोटियों में हिमपात
मनाली : मौसम ने एक बार फिर करवट बदल ली है। रोहतांग सहित ऊंची चोटियों में हल्का हिमपात हुआ है। बर्फ  के फाहों के बीच मनाली लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। बारालाचा दर्रे में वाहनों की आवाजाही सुचारू रखने को लाहौल-स्पीति पुलिस सहित बी.आर.ओ. काम कर रहा है। ग्राम्फू  काजा मार्ग सहित दारचा जांस्कर घाटी के बीच भी ट्रैफिक सुचारू हो गई है। रोहतांग दर्रे सहित धुंधी, मकरवेद, शिकरवेद, सेवन सिस्टर पीक, मनाली पीक, लद्दाखी पीक, हनुमान टिब्बा, देउ टिब्बा, मांगन कोट, फ्रैंडशिप पीक सहित रोहतांग के उस पार बारालाचा, शिंकुला जोत, कुंजम जोत, छोटा व बड़ा शिघरी ग्लेशियर, लेडी आफ  केलांग व नीलकंठ की पहाडिय़ों सहित समस्त ऊंची चोटियों में हल्की बर्फबारी हो रही है। पर्यटन नगरी मनाली व लाहौल में बारिश का क्रम शुरू हो गया है जिससे घाटी में ठंड बढ़ गई है।


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Content Writer

Kuldeep

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