हरकत में आई शिमला पुलिस, अब चरस तस्करों का होगा पर्दाफाश

Saturday, Jul 21, 2018 - 04:24 PM (IST)

शिमला: प्रदेश की राजधानी जिला शिमला में नशीले पदार्थों की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिस कारण जिला में नशे का व्यापार काफी फलफूल रहा है। इसका ताजा उदाहरण पुलिस विभाग द्वारा पकड़े जा रहे नशे के तस्करों से देखा जा सकता है। यहां पर अगर चिट्टे की बात की जाए तो चिट्टे का नशा बड़ी तेजी से फैल रहा है। यह बात स्वयं पुलिस ने भी कबूली है। पिछले साल की अपेक्षा जिले में चिट्टे के नशे का प्रचलन 3 गुना बढ़ गया है। यह खुलासा शिमला पुलिस ने किया है। पुलिस का कहना है कि पिछले साल जहां चिट्टे के 5 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल अब तक 16 मामले चिट्टे के एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं।


इस कारोबार में 12 से 60 साल के लोग शामिल
नशे के बढ़ते कारोबार से नशे की गिरफ्त में 12 से 60 साल तक के लोग शामिल हैं। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। खासकर स्कूल और कालेज जाने वाले छात्रों में नशे की प्रवृति बड़ी तेजी से बढ़ रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार भी नशे को मुक्त करने के लिए काफी प्रयास कर रही है लेकिन नशीले पदार्थों का कारोबार अंतर्राज्यीय खतरा बन चुका है। देश को नशामुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन ही नहीं बल्कि नशा न करने वाले लोगों को भी नशामुक्त करवाने के प्रयास करने होंगे, तभी युवा पीढ़ी नशे से बच सकती है। एक माह के अंदर पुलिस ने जिला शिमला में 116 ग्राम के करीब चिट्टा जगह-जगह से पकड़ा है।


इन जगहों पर पकड़ा चिट्टा
 यह चिट्टा पुलिस ने शिमला, ठियोग, चिडग़ांव, चौपाल व रामपुर आदि में पकड़ा है। गौर रहे कि नशा बेचने वाले और नशे के कारोबारियों को पकडऩे के लिए शिमला पुलिस ने अहम भूमिका निभाई है। बीते दिनों पुलिस ने चिट्टा के एक बड़े तस्कर को दिल्ली से पकड़ा है जो कि विदेश का रहने वाला है। यह तस्कर हिमाचल में चिट्टे की सप्लाई करता था। यहां पर यह भी तय माना जा रहा है कि हिमाचल में चिट्टा बाहरी राज्य से आ रहा है। पुलिस का कहना है कि अगर नशे से युवा पीढ़ी को बचाना चाहते हैं तो इसमें लोगों का भी सहयोग होना चाहिए, तभी नशे पर काबू पाया जा सकता है।


पुलिस एंटी ड्रग फोर्स बनाकर चलाएगी अभियान
जिले में तेजी से फैल रहे नशे को लेकर पुलिस ङ्क्षचतित है। पुलिस ने इससे निपटने के लिए एक नया प्लान बनाया है। जिला पुलिस सभी थानों में एंटी ड्रग्स फोर्स बनाएगी, जिसमें स्थानीय लोगों को शामिल कर उनसे आइडिया लेकर उस पर काम करेगी और नशे के गिरफ्त में फंसे लोगों को बाहर निकालेगी। इस अभियान के तहत अवश्य ही नशे की प्रवृति कम होगी। पुलिस जल्द ही इस अभियान को शुरू करेगी।


इस नशे के भी शौकीन युवा लोग
जिला के अंदर युवा लोग एक तरह का ही नशा नहीं बल्कि तरह-तरह का नशा करते हैं। युवा लोग चिट्टा, चरस व अफीम तक सीमित नहीं हैं बल्कि गुटका, सिगरेट, फ्ल्यूड व बूट पोलिश आदि के भी युवा लोग शौकीन हैं। जब शिमला पुलिस ने 2 हफ्ते पहले अभियान चलाया था तो कई कारोबारियों को इन नशीले पदार्थों को बेचते हुए पकड़ा था। तंबाकू वाला नशा दुकानों में खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। हिमाचल प्रदेश में तंबाकू निषेध कानून 1997 में बना। इसे वर्ष 2003 में प्रदेशभर में लागू किया गया। विडम्बना यह है कि नशे और नशीले पदार्थों को रोकने के लिए कानून तो बना दिए गए लेकिन उन पर कोई ठोस अमल नहीं किया गया है। सार्वजनिक स्थलों सहित होटल, रेस्तरां, क्लब, धार्मिक स्थलों व स्कूलों के समीप नशे का सामान खुलेआम बेचा रहा है।


पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा
एस.पी. शिमला ओमापति जम्वाल का कहना है कि नशे को लेकर पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा है। कोशिश है कि जल्द ही जिला नशामुक्त होगा। पुलिस नशे के कारोबारियों का पर्दाफाश कर रही है। पुलिस सभी थानों में एंटी ड्रग्स फोर्स बनाएगी, जो लोग नशे में फंस चुके हैं, उन्हें नशामुक्ति केंद्र में ले जाएगी, जिससे नशे की डिमांड कम होगी। जब नशे की डिमांड कम हो जाएगी तो नशे की सप्लाई अपने आप कम हो जाएगी।

Kuldeep