शिमला-चंडीगढ़ हैली टैक्सी सेवा से सरकार को मिला दोहरा लाभ, ऐसे निकल रहा हैलीकॉप्टर का खर्चा

Thursday, Jun 07, 2018 - 10:15 AM (IST)

शिमला: राज्य सरकार को शिमला-चंडीगढ़ के बीच हैली टैक्सी सेवा शुरू किए जाने से दोहरा लाभ मिला है। एक तरफ जहां हैली टैक्सी सेवा शुरू होने से प्रदेश की जनता और पर्यटकों को सुविधा मिली है, वहीं दूसरी तरफ व्यावसायिक उड़ानों से कंपनी के साथ हुए करार के तहत हैलीकॉप्टर का खर्चा भी निकलना शुरू हो गया है। अभी हैली टैक्सी सेवा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले हैलीकॉप्टर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार ने यह हैलीकॉप्टर पवन हंस कंपनी से लीज पर लिया है। राज्य में मुख्य रूप से हैलीकॉप्टर सेवाएं वी.वी.आई.पी. के अलावा राज्य के जनजातीय क्षेत्र डोडराक्वार, पांगी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में बर्फबारी के दौरान लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ली जाती हैं। 


दुर्गम क्षेत्रों से मरीजों को निकालने के लिए हैलीकॉप्टर की सेवाएं ली जाती रही हैं। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में फंसे राज्य के लोगों को भी सरकार हैलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध करवाती है। इसी तरह जनजातीय क्षेत्रों में मटर की फसल को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी इसकी सेवाएं ली जाती रही हैं। ऐसे में जो भी उड़ानें होती हैं, उनका खर्चा सरकार को ही उठाना पड़ता है लेकिन अब इसे हैली टैक्सी सेवा के तहत व्यावसायिक उड़ान के लिए भी प्रयोग में लाया जा रहा है। 


ऐसा होने से जो आय होगी, वह सीधे सरकार के खाते में जाएगी जिससे कुछ हद तक लीज पर लिए गए हैलीकॉप्टर का खर्चा भी निकल आएगा और सरकार को अपनी जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी। जी.ए.डी. के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना है कि व्यावसायिक उड़ानों से होने वाली आय सरकार लेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी के साथ हुए करार में व्यावसायिक उड़ान का प्रावधान भी है। मौजूदा समय में सरकार का निजी हवाई सेवा कंपनी पवन हंस के साथ करार है। करार करते समय सुरक्षा कारणों सहित अन्य बातों का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। 

Ekta