भेड़ पालकों ने पुलिस प्रशासन से की कुछ ऐसी मांग

Tuesday, May 25, 2021 - 04:50 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप) : आजकल मंडी से होकर भुवूजोत, हाथीपुर व अशंग की ऊंची पहाड़ियों से होकर सभी भेड़ पालक अपने पशुधन के साथ गर्मियों के लिए जिला लाहौल स्पीति की खुली पहाड़ियों में तीन से चार माह के लिए चारा चराने के लिए ले जाते है। भेड़ पालकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से जिला कुल्लू में उनकी भेड़ बकरियों को चोर अधिक संख्या में कभी रात को कभी सड़क के किनारे चलते हुए चोरी हो रही है। जिस से भेड़ पलकों की दिन रात की मेहनत एक पल भर में खत्म हो रही है। भेड़ पालकों ने पुलिस प्रशासन से निवेदन किया है कि जिला कुल्लू में जब भेड़ पालक गुजरते है उस समय भेड़ पलकों की सुरक्षा में भी अतिरिक्त ध्यान दिया जाए ताकि दिन रात जंगलों में अपना जीवन भेड़ बकरियों के पालन पोषण के लिए व्यतीत करने वालों की मेहतन चोरों द्वारा चोरी कर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं। 

वहीं भेड़ पालक सुरेश कुमार ने बताया कि इन दिनों अपनी भेड़ों को लेकर लाहुल की ओर रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के सभी भेड़ पालक भुभू जोत कि पहाड़ों से गुजरते हुए लाहुलघाटी में अपनी भेड़ बकरीयों के साथ एक माह में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि अगस्त माह तक वे ब्लॉक में ही अपने पेड़ों के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि 4 माह तक वे अपने घर परिवार की दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि आते जाते रास्ते से भेड़ों की चोरी होती है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें सुलियत दी जाए ताकि वे अपने भेड़ बकरियों की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भेेड़ों की रक्षा के लिए बंदूक दे। उन्होंने कहा कि जगह जगह पर पुलिस की चैकियां स्थापित होनी चाहिए जिससे कि चोर भेड़ों की चोरी न कर सके। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने सभी चरागाह को तारबंदी के द्वारा बंद कर दिया गया है। ऐसे में भेड़- बकरीयों के लिए चरागाह उपलब्ध नहीं है। जिससे कि भेड़ पालकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भेड़-बकरीयों के लिए सरकार चारागाह उपलब्ध करवाएं। 

भेड़ पालक वीर सिंह ने बताया कि 1 माह में वे कांगड़ा से लाहुल पहुंचने में लगता है। उन्होंने कहा कि जिसके लिए उन्हें कांगड़ा से भुभू जोत की पहाड़ियों से होकर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि 3 माह तक लाहुल की पहाड़ियों पर भेड़-बकरीयों को चराते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन भेड़ पालकों की सहायता तो करता तो है लेकिन चोर पकड़ने पर उन पर किसी प्रकार की कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती है और चोर को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि चोरों से भेड़ पालक बहुत ही परेशान है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन से उनकी मांग है कि जब भी रास्ते में जाते हैं तो पुलिस प्रशासन उनका साथ दें ताकि वे अपने भेड़- बकरीयों बचा सके। उन्होंने कहा कि सरकार को भेड़ पालकों के लिए चोरों से निपटने के लिए कुछ हथियार भी देने होंगे। जिसे भी अपने पेड़ों की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा की लगभग 50 प्रतिशत लोग अपनी भेड़-बकरीयों को लेकर लाहुल की ओर रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास 5 परिवारों के 500 भेड़-बकरीयों हैं। उन्होंने कहा कि आगे रोहतांग टनल से अगर उन्हें नहीं जाने दिया तो फिर उन्हें फिर रोहतांग टाॅप होकर लाहौल जाना होगा। उन्होंने कहा कि और खोकसर होकर दारचा की पहाड़ियों पर अपनी भेड़-बकरीयों 3 माह तक अपनी भेड़ों को रखेंगें।
 

Content Writer

prashant sharma