प्याज की बढ़ती कीमतों पर शांता ने अपनी ही सरकार को घेरा, सुना डाली खरी-खरी

Friday, Dec 06, 2019 - 04:52 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): पूर्व केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री शांता कुमार ने प्याज के मूल्य में बढ़ौतरी पर अंकुश न लगा पाने को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को ही कटघरे में खड़ा किया है। बकौल शांता कुमार यदि प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर परिस्थितियों पर नजर रखी जाती तो न तो प्याज की कीमतें बढ़तीं और न ही इसकी किल्लत होती है परंतु ऐसा नहीं किया गया, परिणामस्वरूप प्याज के मूल्य में बढ़ौतरी हुई है। उन्होंने बताया कि जब वह केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री थे तो प्रतिदिन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में संबंधित सचिवों की बैठक होती थी जो आवश्यक वस्तुओं की देश में उपलब्धता तथा उनके मूल्यों पर निगरानी करती थी।

सरकार ने उस समय बनाई थी 22 आवश्यक वस्तुओं की सूची

उन्होंने बताया कि उस समय सरकार ने 22 आवश्यक वस्तुओं की सूची बनाई थी, जिसमें प्याज व चीनी को भी शामिल किया गया था। यह कमेटी संबंधित मंत्रालयों को इस संबंध में अवगत भी करवाती थी तथा उन्हें भी प्रतिदिन 12 बजे कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त होती थी। उन्होंने बताया कि 2 बार रिपोर्ट आई कि प्याज का उत्पादन कम हुआ है तथा निर्यात जारी है, जिस पर उन्होंने तत्काल प्याज के निर्यात पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद प्याज की कीमतों में बढ़ौतरी जारी रही तो 1 सप्ताह पश्चात प्याज के आयात का निर्णय लिया गया।

शरद पवार ने अटल बिहारी से की मेरी शिकायत

शांता ने बताया कि जब देश में चीनी महंगी होने लगी तो उन्होंने तत्काल निर्यात बंद करने के निर्देश दिए, ऐसे में शरद पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र के चीनी निर्यातक अटल बिहारी वाजपेयी से मिले तथा मेरी शिकायत की और अटल ने मुझे तलब किया, जिस पर शरद पवार ने कहा कि एक्सपोर्ट रुकने से किसानों को हानि हो रही है परंतु मैंने अटल बिहारी बाजपेयी को अवगत करवाया कि एक्सपोर्ट किसान नहीं अपितु बड़े-बड़े व्यापारी कर रहे हैं, इस पर अटल बिहारी बाजपेयी उनकी बात से सहमत हुए तथा निर्यात को बंद कर दिया गया।

जमाखोरों पर कार्रवाई का असर

शांता ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान जब चीनी के दाम बढ़े तो उन्होंने रिपोर्ट मांगी, जिस पर उन्हें अवगत करवाया गया कि कुछ बड़े व्यापारियों ने चीनी गोदामों में जमा कर ली है, जिस पर वह तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिले तथा उनसे बात की। वहीं अधिकारियों की बैठक भी बुलाई। अधिकारियों ने तत्काल उन्हें परामर्श दिया कि चीनी आयात करने की स्वीकृति यदि केंद्र सरकार दे दे तो समस्या का समाधान हो सकता है, ऐसे में जब चीनी आयात करने की बात बड़े व्यापारियों तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल गोदामों से चीनी निकाल दी तथा चीनी के दाम तत्काल गिर गए।

Vijay