कांगड़ा-दिल्ली हवाई किराए पर शांता ने उठाए सवाल, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री को लिखा पत्र

Tuesday, Sep 04, 2018 - 10:22 PM (IST)

धर्मशाला/पालमपुर: धर्मशाला-दिल्ली हवाई मार्ग के किराए को कम करने के लिए कांगड़ा-चम्बा सांसद शांता कुमार ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजा है। इसमें सांसद ने हवाला दिया है कि धर्मशाला पर्यटन के हिसाब से दिन-प्रतिदिन विकसित हो रहा है लेकिन उपरोक्त हवाई मार्ग पर यात्रा करना मौजूदा परिस्थितियों में बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-लखनऊ का किराया 2 हजार रुपए व दिल्ली-मुंबई का 4 हजार रुपए है जबकि धर्मशाला के लिए 20 हजार रुपए तक की टिकट लेकर हवाई सफर करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी होता है जब एक ही सीट पर बैठा व्यक्ति 4 हजार रुपए तो दूसरा 20 हजार रुपए देकर उक्त हवाई सफर कर रहा होता है। इस तरह की व्यवस्था बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है तथा किराया अत्यधिक होने से हिमाचल के पर्यटन को नुक्सान हो रहा है।उन्होंने कहा कि इससे पहले जब अधिक किराए की चर्चा होती तो यह बताया जाता था कि गग्गल में जहाज में तेल भरवाने की सुविधा न होने के कारण किराया अधिक है लेकिन लंबे समय से वह सुविधा भी यहां शुरू हो गई है।

और कमियां भी बताईं हवाई यात्रियों ने
विमान यात्री चंद्र तलवाड़ व निशा तलवाड़ ने बताया कि दिल्ली से गग्गल आने का एक तरफ का किराया ही 12 से 15 हजार रुपए लग जाता है जबकि अन्य शहरों का किराया कहीं कम है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें अहमदाबाद जाना होता है तो वे सड़क मार्ग से चंडीगढ़ तक जाते हैं और वहां पर दोनों का अहमदाबाद का आने-जाने का किराया साढ़े 13 हजार रुपए बनता है।  कांगड़ा  की पूनम ठाकुर और सुशांत ठाकुर ने कहा कि वे दोनों मुंबई में जॉब करते हैं और उनका गग्गल हवाई अड्डे से विश्वास उठता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि  आए दिन अक्सर यहां खराब मौसम के कारण उड़ानें रद्द हो जाती हैं जिससे काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि यहां स्थापित डी.वी.ओ.आर. डिवाइस को जल्द शुरू करना चाहिए जिससे खराब मौसम में भी जहाज यहां उतर सके।

विमानों की संख्या, सफर करने वालों की तादाद कहीं ज्यादा
उधर, गग्गल एयरपोर्ट के निदेशक सोनम नोरभू ने किराया ज्यादा होने की वजह यात्रियों की अपेक्षा वाहनों की कम संख्या होने का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले विमानों की संख्या 19 है जबकि हवाई सफर करने वालों की तादाद कहीं ज्यादा है।

Vijay