शांता कुमार ने लिया एस्कॉर्ट सुविधा छाेड़ने का फैसला, बोले-चुभता है लाखों रुपए का खर्च
punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 09:49 PM (IST)
पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई एस्कॉर्ट सुविधा को वापस लौटाने का निर्णय लिया है। शांता कुमार ने सरकार को पत्र लिखकर 1 जुलाई से यह सुविधा वापस लेने का आग्रह किया है। बकौल शांता कुमार पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में सरकार द्वारा बहुत सी सुविधाएं दी गई हैं, जिनके चलते जनहित के सार्वजनिक कार्य करने में बड़ी सुविधा प्राप्त होती है। वह अब सांसद नहीं रहे और सक्रिय राजनीति से भी मुक्त हो चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में एस्कॉर्ट सुविधा की उन्हें कोई आवश्यकता नहीं है। एक सरकारी गाड़ी तथा चार कर्मचारी बिना काम के यहां होते हैं, लाखों रुपए का खर्च चुभता रहता है। उन्हें अब यह सुविधा बिल्कुल नहीं चाहिए। इसलिए इस सुविधा को अतिशीघ्र सरकार वापस ले।
प्रदेश के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे शांता
प्रदेश में पहली बार गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री शांता कुमार बने थे। आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में शांता कुमार के नेतृत्व में प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार गठित हुई थी। वर्ष 1985 से 1990 तक विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करने के बाद शांता कुमार ने 1990 में एक बार पुन: भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री की बागडोर संभाली थी। शांता कुमार को एक ही समय में लोकसभा तथा दो विधानसभा क्षेत्रों से एक साथ चुने जाने का श्रेय भी प्राप्त है। 1989 में लोकसभा चुनाव में विजयी रहने के बाद शांता कुमार ने 1990 में पालमपुर तथा सुलह विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा तथा दोनों क्षेत्रों में विजयी रहे थे।
पंच से की थी पारी की शुरूआत
ग्राम पंचायत पंच से लेकर विश्व की सबसे बड़ी पंचायत संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में शांता कुमार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। भाजपा के क्षत्रप रहे शांता कुमार ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी राजनीति से किनारा करने का निर्णय लिया था। लगभग साढ़े 5 दशक की लंबी अवधि में शांता कुमार राजनीति में सक्रिय रहे। 1963 में ग्राम पंचायत गढ़ में पंच का चुनाव जीतने के बाद शांता कुमार ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई। 1972 के चुनाव में जनसंघ प्रत्याशी के रूप में शांता कुमार ने पहली बार विधानसभा में कदम रखा था।
कड़े निर्णयों से बनाई पहचान
नो वर्क-नो पे, अंत्योदय अन्न योजना तथा पानी वाले मुख्यमंत्री के रूप में पहचान बनाने वाले शांता कुमार अपनी तल्ख टिप्पणियों तथा कड़े निर्णयों के कारण भी चर्चा में रहे हैं। कई बार शांता कुमार अपनी ही पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को लेकर भी तीखी टीका-टिप्पणी कर चुके हैं।