चीन के संबंध में अपनी नीति में बदलाव करे भारत : शांता कुमार

punjabkesari.in Wednesday, May 25, 2022 - 01:04 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने चीन के संबंध में भारत को अपनी नीति में पूरी तरह से बदलाव करने की बात कही है। शांता कुमार लोकसभा सर्वदलीय तिब्बत मंच के कई वर्ष तक अध्यक्ष भी रहे हैं। ऐसे में अब उन्होंने भारत के लिए चीन को सबसे बड़ा संकट बताते हुए कहा कि विश्व के बहुत से देश तिब्बत की सहायता करना चाहते हैं और इस विषय पर चीन को घेरना चाहते हैं। ऐसे में भारत इन सभी देशों का सहयोग करे क्योंकि तिब्बत में मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है और वहां धार्मिक स्वायतत्ता नहीं है। इस विषय को भारत पहल करते हुए राष्ट्र संघ में उठाए।

चीन लद्दाख में अपना अधिकार बढ़ाने का प्रयास कर रहा 
शांता कुमार ने कहा कि भारत के लिए चीन बहुत बड़ा संकट बनता जा रहा है। अब अफगानिस्तान में तालिबान और उनके साथ चीन और पाकिस्तान से वह संकट और भी बढ़ गया है। चीन इतिहास से ही विस्तारवादी रहा है। वर्ष 1962 में चीन ने भारत की धरती को हथिया लिया। अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत के पश्चात भी लद्दाख में अपना अवैध निर्माण करता जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में भारत सरकार भी चीन के प्रति अपनी नीति में बदलाव करे। इस दृष्टि से जापान में हो रहा क्वाड सम्मेलन महत्वपूर्ण प्रयास है। 

दलाई लामा को मिले भारत रत्न 
बकौल शांता कुमार धार्मिक नेता दलाई लामा इस समय विश्व के सबसे अधिक सम्माननीय धार्मिक नेता हैं। विश्व का सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार उन्हें प्राप्त है। लोकसभा सर्वदलीय तिब्बत मंच ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दलाई लामा को भारत रत्न पुरस्कार देने की मांग की थी। उस प्रस्ताव पर देश की सभी पाॢटयों के 265 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे। एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में हम सभी ने हस्ताक्षर करके भारत सरकार के सामने मांग रखी थी। आज की परिस्थिति में यह आवश्यक है कि भारत महामहिम दलाई लामा को भारत रत्न से पुरस्कृत करे।

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Content Writer

Vijay

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