किसान आंदोलन में शामिल हुए कुछ गलत तत्व, देश को सावधान होने की जरूरत : शांता

Saturday, Dec 12, 2020 - 05:51 PM (IST)

पालमपुर (ब्यूरो): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि यह दुर्भाग्य की बात है कि लंबी बातचीत, मंत्रियों और प्रधानमंत्री के सब प्रकार के आश्वासन के बाद भी किसान आन्दोलन और अधिक तेज होता जा रहा है। आन्दोलन का अगला दौर नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। उन्होंने सरकार और किसान नेताओं से विशेष आग्रह किया है कि बहुत अधिक सावधानी रखी जाए। कुछ गलत तत्व आन्दोलन में शामिल हो गए हैं। कुछ संदिग्ध एनजीओ परोक्ष रूप से करोड़ों रुपयों की सहायता कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आन्दोलन का नेतृत्व खेत में काम करने वाले किसान के हाथ में नहीं है। लगभग सभी नेता किन्हीं निहित स्वार्थों के कारण आन्दोलन को हवा दे रहे हैं। मुख्य रूप से आन्दोलन पंजाब के नेताओं द्वारा चलाया जा रहा है। पंजाब में अनाज की पैदावार भी बहुत अधिक होती है और खाद्य निगम इतना अधिक अनाज खरीदता है कि उसके टैक्स और कमिशन का प्रतिवर्ष पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक धन बनता है। नए कानून से किसान अपनी उपज कहीं और भी बेच सकेगा। यह आय कम हो जाएगी। यही कारण है कि पंजाब के बिचौलिए और आढ़ती करोड़ों रुपए के कम्बल, रजाइयां और अनाज धरने पर बैठे लोगों को दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक चैनल के समाचार अनुसार एक अन्तर्राष्ट्रीय एनजीओ एक बड़ा पंडाल लगा कर करोड़ों रुपए का सामान दे रहा है। उसके बड़े तम्बू पर जिस नेता की फोटो है वह आतंकवाद के समय एक हवाई जहाज के अपहरण में दोषी था और पकड़ा नहीं गया। विदेश में रह कर देश विरोधी गतिविधियां कर रहा है। यदि ऐसे समाचार सच हैं तो देश को सावधान होने की जरूरत है। शांता कुमार ने कहा कि कुछ दिन पहले ही शाहीन बाग में 100 दिन धरना चला था। फिर एक नाजुक दौर आया। दंगे करवायें गए थे और 50 बेगुनाह लोगों की हत्या हो गई थी। किसान आन्दोलन भी अब धीरे धीरे उसी आन्दोलन का रूप लेता जा रहा है।

Vijay