फर्जी डिग्री जांच से संतुष्ट नहीं हूं, जेलों में बंद होने वाले लोग घूम रहे हैं बाहर : शांता कुमार

Friday, Sep 10, 2021 - 12:35 AM (IST)

धर्मशाला (नवीन): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि फर्जी डिग्री और फर्जी संस्थान हिमाचल के माथे पर क्लंक है। यह शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्रियां बिकती रही हैं और हिमाचल सरकार को पता ही नहीं चल पाया। जब हम विपक्ष में होते थे तो सीआईडी होटल के नीचे बैठी रहती थी। यह कैसे संभव है कि पुलिस व सरकार को इस मामले की भनक नहीं लग पाई। पैसे के आगे बहुत कुछ बिक जाता है। फर्जी डिग्री की जांच धीरे-धीरे हो रही है। कुछ लोग जेलों में बंद होने चाहिए, वे बाहर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्री जांच से संतुष्ट नहीं हूं। यह देश का दुर्भाग्य है कि भ्रष्टाचार होता है। जांच चलती ही रहती है।

बहुत पहले आ जानी चाहिए थी नई शिक्षा नीति

शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 परीक्षा एवं मूल्यांकन पर एक संगोष्ठी के आयोजन के उपरांत पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए यह बातें कहीं।इस संगोष्ठी में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, सांसद किशन कपूर तथा डॉ. वरिंद्र भाटिया, उपाध्यक्ष पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड सहित उपनिदेशक मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव अक्षय सूद ने कहा कि इस संगोष्ठी में गण्यमान्य व शिक्षकों से जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें छात्र हित में क्रियान्वित किया जाएगा। शांता कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति बहुत पहले आ जानी चाहिए थी। इस शिक्षा नीति से बच्चे का सर्वांगीण विकास होगा। पढ़ाई बोझ नहीं बननी चाहिए। नई शिक्षा नीति नया परिवर्तन करेगी।

संस्कार विहीन हो रही नई पीढ़ी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी संस्कार विहीन हो रही है। आज हर बच्चे के हाथ में मोबाइल है। नाना-नानी के पास बैठकर रामायण सुनने की बात पुरानी हो गई है। परिवार में जो संस्कार बच्चे को मिलते थे, अब नहीं मिल रहे हैं। संस्कार विहीनता न हो, शिक्षा जगत को काम करना होगा।

अब उड़ता हिमाचल बन रहा

शांता कुमार ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल ही में जो घटनाक्रम हुआ है, वह पूरी दुनिया की मानवता का दुर्भाग्य है। अब नशे का प्रकोप और बढ़ेगा। पंजाब तो उड़ता पंजाब बन गया है। हिमाचल उड़ता हिमाचल बन रहा है। गांव-गांव में नशा पहुंच गया है। नशे के कारण हलवाई का काम करने वाला करोड़पति बन गया है। कुछ लोग जो उच्च पदों पर बैठे हैं, उन्हें देश के बजाय चांदी के ठीकरों से प्यार है।  

हिमाचल में कामकाज की भाषा हिंदी हो

शांता कुमार ने कहा कि सही इतिहास की जानकारी मिलनी चाहिए। सैकेंडरी स्तर पर अंक रख दिए गए हैं। लोकल इतिहास पढऩा पड़ेगा। हिमाचली भाषा पर सवाल के जवाब में शांता ने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि हिमाचल की भाषा कौन-सी है। हिमाचल में कई भाषाएं बोली जाती हैं। हिमाचल में कामकाज की भाषा हिंदी होनी चाहिए।

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Vijay