दल-बदल लोकतंत्र के लिए खतरा, मोलभाव करवाकर बिकते नजर आ रहे हैं नेता: शांता

Tuesday, Apr 30, 2019 - 10:17 AM (IST)

पालमपुर (मुनीष दीक्षित): भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद शांता कुमार का कहना कि आज की राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव आया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बदलाव दल-बदल का है। दल-बदल बहुत अधिक संख्या में हो रहा है। मैं हमेशा से सिद्धांत की राजनीति का पक्षधर रहा हूं और उसकी कीमत भी मैंने चुकाई है। मुझे लग रहा है कि यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। नेता खुलेआम अपना मोलभाव करवाकर बिकते हुए नजर आ रहे हैं। पंजाब केसरी से विशेष बातचीत करते हुए शांता कुमार ने कुछ नेताओं द्वारा चुनावी बेला पर दल बदलने बारे पूछे जाने पर कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि अगर दूसरी पार्टी से कोई व्यक्ति चुनावी बेला पर सौदेबाजी करके मेरी पार्टी में आता है तो मुझे उसकी खुशी नहीं होती है। मुझे उतना ही दुख होता है जैसे मेरी पार्टी का नेता दूसरी पार्टी में जाए। 

मैं सख्त शब्द प्रयोग कर रहा हूं, इन शब्दों के लिए मैं दल बदलू नेताओं से क्षमा चाहूंगा। मैं कहना चाहता हूं कि बिकना... बिकना है, चाहे कोई दो कौड़ी में बिके या 2 करोड़ में बिके या किसी टिकट के लिए बिके। आज भारत दुनिया का सबसे खुशहाल देश होता। बहुत कुछ दिया भगवान ने भारत को। भारत दुनिया का सबसे पुराना तथा वेद और रामायाण का देश है। अगर आज इस देश में बेरोजगारी और गरीबी है तो इसका एक कारण बेईमानी की राजनीति है। यदि राजनीति जनसेवा और ईमानदारी की होती तो आज भारत दुनिया का सबसे खुशहाल देश होता। यह सोचता हूं तो गुस्सा आता है, कठोर भाषा का प्रयोग ऐसे लोगों के लिए करता हूं।

पालमपुर में जो हुआ, उससे मैं बहुत आहत था

हाल ही में भाजपा में 3 नेताओं की वापसी पर उन्होंने कहा कि देखिए, हमारे परिवार से कुछ लोग बिछुड़े लेकिन वे किसी और पार्टी में नहीं गए थे। ये सभी लोग महेंद्र सोफ्त से लेकर प्रवीण व बलदेव ठाकुर समॢपत कार्यकत्र्ता रहे हैं। चुनाव में उनसे गलती अवश्य हुई है लेकिन यह भी कहा जा सकता है कि पार्टी टिकट ठीक ढंग से न देने से पार्टी की भी गलती है। हमने पूरा हिमाचल जीता लेकिन पालमपुर में हारे। मैंने उस समय भी कहा था कि हमें हाईकमान ने हराया है।

सुखराम से बहुत निराश, परमार का प्रशंसक

पुरानी पीढ़ी के प्रदेश में हम 3 नेता बचे हैं। इनमें मैं, वीरभद्र सिंह व पंडित सुखराम हैं लेकिन सुखराम ने बहुत निराश किया। जीवन के अंतिम चरण में जबकि वह अदालतों में फंसे हैं तो पोते के मोह में आकर दल-बदल किया। उससे हिमाचल बदनाम हुआ है। जहां तक वीरभद्र सिंह की बात है तो वह अच्छे प्रशासक रहे हैं लेकिन बहुत दुख होता है कि जीवन के अंतिम चरण पर उन पर इस प्रकार के केस क्यों बन गए। शांता कुमार का कहना है कि हिमाचल में डाक्टर यशवंत परमार की बहुत प्रशंसा करता हूं।

चुनाव लड़वाने में बहुत आनंद आ रहा है

चुनाव लड़वाने में आनंद बारे पूछे जाने पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि मैं अनुभव कर रहा हूं कि चुनाव लडऩे में तो आनंद आता ही था और अब चुनाव लड़वाने में भी बहुत आनंद आ रहा है। अपने लिए प्रत्येक मनुष्य जीता है लेकिन किसी और के लिए कुछ करने में बहुत आनंद आता है।

भाजपा व कांग्रेस में अब भी हैं अच्छे नेता

शांता कुमार का कहना है कि सभी नेताओं में अलग-अलग गुण होते हैं। आज भी कांग्रेस व भाजपा में अच्छे नेता हैं। इनमें मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी तथा कांग्रेस से नरसिम्हा राव। नरेंद्र मोदी में भी अपने प्रकार के गुण हैं। नरसिम्हा राव का मैं कितना धन्यवाद करूं, समझ नहीं आता। मैं मुख्यमंत्री था तो सी.एम. के तौर पर दिल्ली गया, वहां कांग्रेस सरकार थी। उस समय नरसिम्हा राव की दिल्ली की सरकार से मैंने प्रदेश में पनबिजली परियोजनाओं में निजी क्षेत्र के लिए रॉयल्टी का सिद्धांत बनवाया। आज प्रति वर्ष हिमाचल के खजाने में उससे 3,000 करोड़ रुपए आ रहे हैं।

चम्बा में भी लगेगा सीमैंट प्लांट

चम्बा सीमैंट प्लांट बारे उन्होंने कहा कि पहली बार पिछले 70 वर्षों में हिमाचल में सीमैंट के 2 उद्योग लगे और ये तब लगे जब मैं सी.एम. था। लंबे समय में कांग्रेस एक भी सीमैंट उद्योग नहीं लगा पाई। चम्बा के सीमैंट उद्योग में कठिनाई आई। लेकिन सीमैंट उद्योग लगेेगा और वही लगाएंगे जिन्होंने पहले 2 लगाए हैं।

Ekta