...खुदा जाने खता क्या हुई, गुनहगारों में शामिल हूं, गुनाहों से नहीं वाकिफ

Wednesday, Jun 26, 2019 - 09:37 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): गुनहगारों में शामिल हूं, गुनाहों से नहीं वाकिफ, सजा तो जानता हूं मैं, खुदा जाने खता क्या हुई। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने 44 वर्ष पूर्व आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाए जाने पर कुछ इस तरह से अपनी प्रतिक्रिया दी। 19 महीने उस दौर में जेल में बिताने वाले शांता कुमार मानते हैं कि आपातकाल का दौर स्वतंत्र भारत के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दौर में से एक था। बकौल शांता कुमार कुछ नहीं हुआ, देश सही ढंग से चल रहा था, मात्र कांग्रेस के एक नेता के चुनाव को रद्द किया गया था, एक नेता की कुर्सी को बचाने के लिए पूरे देश को जेलखाने में बदल दिया गया, जनतंत्र को कुचल दिया गया, हजारों लोगों को अकारण ही जेल में भेज दिया गया। शांता कुमार के अनुसार वह दौर अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था। 

ऐसा दौर देश में कभी पुन: न आए ऐसी वह कामना करते हैं। शांता कुमार कहते हैं कि उस दुर्भाग्यपूर्ण दौर को याद रखा जाना चाहिए, देश की भावी पीढ़ी भी यह जान पाए कि एक ऐसा दौर भी देश में आया था जब जनतंत्र को अकारण कुचला गया था। उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दौर के पश्चात हुए चुनाव में देश की जनता ने कांग्रेस को कड़ा जवाब दिया था। उस समय का चुनाव किसी पार्टी या संगठन में नहीं लड़ा था अपितु जनता ने लड़ा था तथा समूचे भारत से कांग्रेस का सफाया हो गया था। शांता कुमार बताते हैं कि जब वह जेल पहुंचे तो पहले से ही जेल में बंद दूसरे कैदी पूछते थे क्या गुनाह करके जेल में आए हो, कितने दिन तक जेल में रहोगे। उन्होंने कहा कि इसके उत्तर में वह यही शेयर पढ़कर सुनाया करते थे।

Ekta