शांता बोले, नोटबंदी आजादी की दूसरी लड़ाई

Wednesday, Jan 11, 2017 - 10:06 PM (IST)

पालमपुर: दिग्गज भाजपा नेता शांता कुमार ने नोटबंदी को भ्रष्टाचार के विरुद्ध स्वतंत्रता के पश्चात सबसे पहला बड़ा प्रहार बताया है। वहीं इस दिशा में आगे और भी बड़ी कार्रवाई की आशा जताई है। बकौल शांता कुमार सन् 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम आजादी की लड़ाई का पहला प्रयास था। उसी प्रकार नोटबंदी भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई का पहला प्रयास है, जो वास्तव में आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर भ्रष्टाचार रोकने में सहयोग देने का संकल्प लेना चाहिए। भ्रष्टाचार समाप्त होगा, तो गरीबी दूर होगी और स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी व दीनदयाल उपाध्याय का संकल्प पूरा होगा।

महान विभूतियों के सपनों को साकार करने का पहला बड़ा प्रयास 
पूर्व मुख्यमंत्री और कांगड़ा-चम्बा से वर्तमान लोकसभा सदस्य शांता कुमार ने कहा कि नोटबंदी देश में महान विभूतियों के सपनों को साकार करने का पहला बड़ा प्रयास है। यह प्रयास भ्रष्टाचार के विरुद्ध आजादी की दूसरी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने गांव और गरीब को सबसे अधिक प्राथमिकता देने की बात कह कर समाज के अति गरीब व्यक्ति की सेवा का उपदेश दिया था।

स्वामी विवेकानंद ने दिया दरिद्र नारायण का मंत्र 
शांता कुमार के अनुसार देश के महान संन्यासी संत स्वामी विवेकानंद ने मोक्ष के लिए घर-परिवार और संसार सब कुछ छोड़ दिया था लेकिन भारत की गरीबी देख कर मातृभूमि की सेवा के लिए उन्होंने मोक्ष को भी छोड़ दिया था। स्वामी विवेकानंद ने कहा कि जब तक भारत का प्रत्येक गरीब भरपेट भोजन नहीं कर लेता और सब खुशहाल नहीं हो जाता, तब तक मुझे मोक्ष नहीं चाहिए। वास्तव में गरीब की सेवा ही भगवान की पूजा है। स्वामी विवेकानंद ने सचमुच ही देश को दरिद्र नारायण का मंत्र दिया।

महात्मा गांधी ने दिया अंत्योदय का मंत्र 
शांता कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी ने गांव और गरीब को सब प्रकार से प्राथमिकता देने की बात कह कर अंत्योदय का मंत्र दिया और अति गरीब की सबसे अधिक सेवा करने का उपदेश दिया। देश के महान चिंतक दीनदयाल उपाध्याय ने सबसे नीचे के गरीब व्यक्ति को देवता मान कर सेवा करने का संदेश दिया। आजादी के 70 वर्ष बाद अमीरी चमकती रही और गरीबी सिसकती रही। आज विश्व में सबसे अधिक भूखे लोग और गरीब भारत में रहते हैं। इस गरीबी के कलंक का सबसे बड़ा कारण है भयंकर भ्रष्टाचार, जिसने समूचे समाज को पूरी तरह जकड़ लिया है।