शांता की लेखनी से निकली पुस्तक मोदी के हाथ में

Saturday, Dec 03, 2016 - 01:23 AM (IST)

पालमपुर: चीन के आक्रमण की पृष्ठभूमि व संभावित खतरे पर शांता कुमार की लेखनी से निकली पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पढ़ेंगे। हिमालय पर लाल छाया पुस्तक का हाल ही में 50 वर्ष बाद पुन: प्रकाशन किया गया है तथा तिब्बतियन धर्मगुरु व नोबल शांति पुरस्कार विजेता दलाईलामा द्वारा कुछ दिन पूर्व ही इसका विमोचन किया गया है। राजनेता एवं लेखक शांता कुमार और उनकी लेखिका पत्नी संतोष शैलजा ने अपनी पुस्तकें हिमालय पर लाल छाया और इफ  ऑटम कम्ज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके कार्यालय में भेंट कीं। 

राजनेता शांता कुमार ने पुस्तक भेंट करते हुए प्रधानमंत्री को इसकी पृष्ठभूमि से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि आज से 5 दशक पूर्व चीन ने भारत पर आक्रमण कर हिमालय को लहूलुहान कर दिया था। आज भी चीन का संकट जस का तस बना हुआ है। चीन-पाकिस्तान की दोस्ती ने इस संकट को और अधिक गहरा बना दिया है। पुस्तक हिमालय पर लाल छाया का पुनर्प्रकाशन इस दृष्टि से आज भी प्रांसगिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि चीन द्वारा तिब्बत को हथियाने का इतिहास भी पुस्तक में दर्ज है। इस पुस्तक का लोकार्पण महामहिम दलाईलामा द्वारा नवम्बर के प्रथम सप्ताह में किया गया था तथा इस पुस्तक की भूमिका भी महामहिम दलाईलामा द्वारा लिखी गई है। शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले पर भी बधाई दी।

राजनेता शांताकुमार की सहधर्मिणी कथाकार संतोष शैलजा ने अपनी कहानियों की पुस्तक इफ  ऑटम कम्ज के विषय में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री को बताया कि पुस्तक में देश के प्राचीन इतिहास के गौरवमयी पात्रों की कथाओं का उल्लेख है, जिन्हें हिंदी के अतिरिक्त विश्व की अन्य भाषाओं के पाठकों तक पहुंचाने का एक विनम्र प्रयास किया गया है। शांता कुमार ने उनके कृतित्व पर हेमराज कौशिक कृत साहित्यसेवी राजनेता शांता कुमार भी प्रधानमंत्री को भेंट की।