अवैध कब्जों को नियमित करने के निर्णय पर शांता ने लगाया प्रश्नचिन्ह

Tuesday, Jan 17, 2017 - 11:55 PM (IST)

पालमपुर: दिग्गज भाजपा नेता शांता कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा अवैध कब्जों को नियमित किए जाने वाले निर्णय पर प्रश्न खड़ा किया है। बकौल शांता कुमार प्रदेश में लगभग 69 लाख जनसंख्या है तथा कुछ हजार लोगों ने भ्रष्टाचार किया और कानून तोड़ा उन्हें तो इस बात के लिए ईनाम दिया जा रहा है। लाखों वे लोग जिन्होंने कानून में रहते हुए सब कुछ किया, उन्हें इसी बात की सजा मिल रही है कि उन्होंने कानून नहीं तोड़ा और इस प्रकार सम्पत्ति नहीं बनाई। लोकसभा सांसद शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार ने एक कानून बनाकर सरकारी भूमि पर लगभग 40 हजार अवैध कब्जों और कुछ भवनों को नियमित करने का निर्णय लिया है। राज्यपाल ने इस संबंध में सरकार को पूछा है कि जिन अधिकारियों के कारण अवैध कब्जे हुए हैं, उनके विरुद्ध सरकार ने क्या कार्रवाई की है। 

प्रदेश की सरकार कर रही यह काम
शांता कुमार ने कहा है कि यह सारा मामला अति गंभीर है। जिन हजारों लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जे किए, बगीचे लगाए और भवन बनाए वे सब प्रभावशाली और सम्पन्न लोग हैं। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत करके भ्रष्टाचार द्वारा सरकारी सम्पत्ति पर अधिकार किया और कानून की धज्जियां उड़ाईं। इस संबंध में उन्होंने बहुत सोचा कि प्रदेश सरकार ने इतना बड़ा निर्णय प्रदेश का हित सोच कर ही लिया होगा परन्तु उन्हें किसी भी दृष्टि से यह निर्णय प्रदेश और देश के हित में नहीं लग रहा है। नियम और कानून निभाने के लिए होते हैं तोडऩे के लिए नहीं। नियम तोडऩे वालों, सरकार की भूमि पर कब्जा करने वालों और भ्रष्टाचार करने वालों को ईनाम दिया जा रहा है और यह काम प्रदेश की सरकार और प्रदेश की पूरी राजनीति कर रही है। 

सरकार कानून का राज्य नहीं चलाती 
शांता कुमार ने राज्यपाल को इस बात की बधाई दी है कि उन्होंने इस संबंध में अपनी पूरी सहमति नहीं दी है। उन्होंने सरकार और सभी राजनीतिक दलों से यह अपील की है कि इस निर्णय पर दोबारा विचार करें। यदि इस कानून को लागू कर दिया गया तो जनता को यही संदेश जाएगा कि प्रभावशाली लोग जो चाहें कर सकते हैं। सरकार कानून का राज्य नहीं चलाती बल्कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में शासन चलता है।