SFI के कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच हुई हाथापाई, छात्रों के फाड़े कपड़े

Sunday, Dec 17, 2017 - 04:25 PM (IST)

शिमला: कांगड़ा के एक निजी शिक्षण संस्थान में एम.सी.ए. के प्रवेश में बरती गई अनियमितताओं को लेकर शनिवार को एस.एफ.आई. इकाई ने विश्वविद्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने इस दौरान कुलपति कार्यालय का घेराव किया। उनका आरोप है कि उन्होंने अध्यादेश को दरकिनार कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान को उक्त कोर्स में बिना प्रवेश परीक्षा के सीटें भरने की अनुमति दी, जबकि इस अध्यादेश के मुताबिक कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उक्त शिक्षण संस्थान को फायदा पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखा है। 


पुलिस कर्मियों ने छात्रों के साथ मारपीट की
मामले पर धरना-प्रदर्शन करने के बाद एस.एफ.आई. के कार्यकर्ता कुलसचिव प्रो. एस.एस. नारटा को ज्ञापन सौंपा। इस बीच उनके कार्यकर्ताओं, सुरक्षा व पुलिस कर्मियों के बीच हाथापाई हुई। इस दौरान एस.एफ.आई. ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने छात्रों के साथ मारपीट की। उनके कार्यकर्ता जीवन ठाकुर, अनिल नेगी, हेम, रामपाल व राजेंद्र ने आरोप लगाया कि पुलिस जवानों ने प्रशासनिक भवन में कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की और उनके कपड़े भी फाड़े। इस दौरान छात्रों ने उक्त संस्थान की मान्यता रद्द करने की मांग छात्रों ने उप कुलपति से की और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच बिठाने की मांग भी की। 


उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में ये परमिशन दी गई थी। इसके मौजूदा अधिकारियों ने भी इसका सहयोग किया। उप कुलपति प्रो. नारटा ने इस दौरान छात्रों को आश्वासन दिया कि इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन की बैठक बुलाई गई है, जिसमें एस.एफ.आई. के कार्यकर्ता भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मामले पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में वि.वि. में उग्र आंदोलन होंगे और ऐसे कई राज खोले जाएंगे। 


यह है मामला
सत्र 2016 में एचपीयू ने विवि से संबद्ध एक निजी कॉलेज में एमसीए की सीट भरने के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट करवाया। कोई भी प्रवेश को न्यूनतम तय अंक हासिल नहीं कर पाया। तत्कालीन कुलपति ने अध्यादेश में ढील बरत कर अपने स्तर पर सीटें भरने की अनुमति दे दी। 2017 में डीएस कार्यालय और वर्तमान कुलपति ने 2016 की छूट का हवाला देकर दोबारा से अपने स्तर पर प्रवेश देेने की अधिसूचना जारी कर दी।