चम्बा कालेज में एस.एफ.आई. की 24 घंटे की हड़ताल, चक्काजाम व उग्र आंदेलन को चेताया
punjabkesari.in Monday, Nov 15, 2021 - 05:17 PM (IST)

चम्बा (नीलम): चम्बा कालेज में एस.एफ.आई. ने 24 घंटे के लिए सांकेतिक हड़ताल शुरू हो गई है। यह हड़ताल कालेज में रिक्त पड़े प्राध्यापकों के पद जल्द भरने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में की गई। धरने का संचालन करते हुए इकाई सचिव खेम राज ने कहा कि चम्बा कालेज जिला का सबसे बड़ा कालेज है। जहां लगभग 4000 छात्र पढ़ाई कर रहे है, लेकिन हैरानी की बात है कि जिला का सबसे बड़ा कालेज होने के बावजूद यहां अधिकतर अध्यापकों के पद खाली चल रहे हैं। कोरोना महामारी ने पहले ही छात्रों की पढ़ाई को काफी ज्यादा प्रभावित किया है। अब जब काफी समय बाद जब कालेज खुले हैं तो प्राध्यापकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा कि कालेज में लोक प्रशासन विषय का वर्तमान में एक भी अध्यापक नहीं है। इसके अलावा अन्य विषयों के भी कई पद खाली है और एक एक अध्यापक एक ही दिन में पांच पांच कक्षाएं लगाने को मजबूर है। इससे उन्हें भी मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। नेहा ने बताया चम्बा कालेज जिला का एकमात्र सरकारी डिग्री कालेज है। इसमें ङ्क्षहदी, अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र, समाज शास्त्र, व अर्थशास्त्र विषय में कक्षाएं लगती है। इन विषयों की कक्षाएं पुराने कालेज में लगती है तथा स्नातकोत्तर की कक्षाएं नए कालेज में लगती है। राज्य कमेटी सदस्य कामरेड रेहमतुला ने कहा हिमाचल प्रदेश और देश के अंदर तमाम लोग जानते है कि केंद्र की सरकार द्वारा 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जानी थी और कहीं न कहीं छात्रों के खिलाफ और शिक्षा के खिलाफ है। इसलिए एस.एफ.आई इसका विरोध कर रही है। यह शिक्षा नीति सबसे पहले यह शिक्षा देती है कि किस तरह भारत में लोकतंत्र की और सविधान को खत्म करना है।
उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति को सांसद के अंदर चर्चा के माध्यम से लाई जानी थी, लेकिन इस शिक्षा नीति को पिछले दरवाजे से संसद में बिना चर्चा किए लागू करने की कोशिश की गईं है। साथ ही शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है। जिसके लिए एस.एफ.आई. इकाई ने 24 घंटे का महाधरना कर रही है। उन्होंने कहा कि इकाई इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग करती है अगर सरकार और प्रशासन हमारी मागों को दरकिनार करते हैं तो इकाई अन्य छात्र समुदाय को एकजुट करके चक्काजाम व भूख हड़ताल जैसे उग्र आंदोलन करेंगी। इसकी सारी जि मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।