Website के जरिए चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा, सरगना की हुई पहचान

Saturday, Mar 25, 2017 - 09:02 PM (IST)

धर्मशाला: पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज में सैक्स रैकेट ऑनलाइन वैबसाइट के माध्यम से चलाया जा रहा था तथा वैबसाइट के माध्यम से ही लड़कियों को ग्राहकों को परोसा जा रहा था। वहीं जिला पुलिस ने सैक्स रैकेट चलाने वाले सरगना की शिनाख्त कर ली है तथा उसे सलाखों के पीछे धकेलने के लिए योजना बना रही है। इसके अलावा जिस्मफरोशी के धंधे में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि देह व्यापार के इस धंधे को पड़ोसी राज्य पंजाब से चलाया जा रहा था।

पंजाब के पठानकोट व अमृतसर से जुड़े है तार
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मैक्लोडगंज में सामने आए सैक्स रैकेट के तार पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट व अमृतसर से जुड़े हुए हैं। देह व्यापार के इस धंधे को पर्यटन नगरी में एक वैबसाइट के नाम से चलाया जा रहा था। इस संबंध में पुलिस को लंबे समय से शिकायतें भी मिली थीं लेकिन पुलिस उचित मौके के इंतजार में थी ताकि आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सके। इसी के चलते पुलिस ने पिछले दिनों सुनियोजित तरीके से कार्य करते हुए इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है। 

ग्राहकों के बताए स्थान पर पहुंचाते थे लड़कियां
आरोपियों द्वारा पर्यटन नगरी में ग्राहकों को युवतियां उपलब्ध करवाने के लिए वैबसाइट के माध्यम से संपर्क किया जाता था। इतना ही नहीं, वैबसाइट पर दिए गए फोन नंबरों पर संपर्क करने के बाद आरोपी स्वयं ही ग्राहकों को लड़कियां परोसते थे। फोन पर ही युवतियों के दाम तय होते थे तथा डील पूरी होने के बाद ग्राहकों द्वारा बताए गए स्थान पर लड़कियों को पहुंचाया जाता था। जिस वैबसाइट के नाम से यह धंधा चलाया जा रहा था, उसी वैबसाइट के माध्यम से गिरोह के सदस्य किराए पर मोबाइल नंबर भी उपलब्ध करवाते थे। उसी मोबाइल नंबर पर ही ग्राहकों से सौदा किया जाता था। 

5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजे आरोपी
पुलिस ने मैक्लोडगंज तथा चामुंडा में देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किए आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा दिया है। वहीं सैक्स रैकेट मामले में बरामद की गई 4 लड़कियों को कोर्ट ने रिहा कर दिया है। 

गिरोह की जड़ तक पहुंचेगी पुलिस
एस.पी. कांगड़ा संजीव गांधी ने बताया कि सैक्स रैकेट मामले में पुलिस ने मुख्य सरगना की पहचान कर ली है। शीघ्र ही पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा। मामले की छानबीन के दौरान कई अहम तथ्य पुलिस के हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर पुलिस गिरोह की जड़ तक पहुंचेगी।