लाहौल-स्पीति के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर के सरंक्षण व संबर्धन को लेकर हुई संगोष्ठी

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2019 - 11:23 AM (IST)

कुल्लू (दिलीप) : कुल्लू जिला मुख्यालय देव सदन में जन चेतना समिति लाहौल-स्पीति सामाजिक संस्था ने एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें लाहौल स्पीति के सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण संबर्धन को लेकर कई विद्वानों ने विचार विमर्श किए। इस मौके पर दर्जनों विद्वानों ने भाग लिया और लाहौल स्पीति के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण संर्बधन व प्रमोशन को लेकर कई विचार विमर्श किए और जिसमें लाहौल स्पीति के संस्कृति के संरक्षण संवर्धन को लेकर कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। जिसमें लाहौल स्पीति के मंदिर व बौद्ध गोंपों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार व भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा मांग की गई।देवसदन के सभागार में सैंकड़ो जनजातीय क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया।

लाहौल-स्पीति के बुद्धिजीवी डॉक्टर टशी पलजोर ने बताया कि लाहौल-स्पीति की धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर, मंदिर गोम्पा के संरक्षण संवर्धन व प्रमोशन के लिए प्रदेश सरकार व संस्कृति विभाग को प्रयास करने चाहिए उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति में सदियों पुरानी प्राचीन सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए।उप्होंने कहाकि धार्मिक धरोहर के संरक्षण,संबर्धन व प्रमोशन को लेकर सरकार को उचित कदम उठाए और कई बर्षो से कई मंदिर व गोम्पों का रख-रखाव होने से कई धार्मिक बौद्व गोम्पा लुप्त हो रहे है जिससे स्पीति के ताबों में एक हजार साल पूराने गोम्पा में कई चीजें खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि आज लाहौल-स्पीति में कई मंदिर व गोम्पा को रखरखाव के लिए प्रयास करना चाहिए जिसमें लाहौल-स्पीति में दर्जनों मंदिर व गोम्पों को देखने के लिए देश विदेश से हजारों लोग हर वर्ष आते हैं। ऐसे में उन मंदिरों व गोम्पों का रखरखाव करना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए जिससे लाहौल-स्पीति के हजारों युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को संस्कृति विभाग के माध्यम से इन सभी मंदिर वालों को के रखरखाव के लिए उचित बजट का प्रावधान कर मंदिरों व गोम्पों का जीर्णोद्धार करना चाहिए ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को जानने वर देखने के लिए प्रमोशन करनी चाहिए ताकि लाहौल स्पीति के धार्मिक संस्थानों के बारे में देश-विदेश के पर्यटकों को वहां के इतिहास व मान्यता का ज्ञान मिल सके।

जन चेतना समिति के अध्यक्ष टशी अगरूप ने बताया कि कि जन चेतना समिमि एक गैर राजनीतिक संस्था है और लाहौल स्पीति के धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण व संवर्धन व पर्यावरण संरक्षण संरक्षण व लुप्त हो रही भाषा व बोली के संरक्षण के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति की सभी समस्याओं को लेकर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी सदस्य समस्याओं के समाधान को लेकर इस गोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचारों से समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया है और उन्होंने कहा कि इस संस्था के सभी सदस्य ने विभिन्न मुद्दों को लेकर रखें है और खासकर इकोलॉजी बैलेंस वह मेंटेन करने के लिए विचार रखे हैं और इसके साथी लाहौल स्पीति की संस्कृति व संरक्षण को लेकर बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति की भाषा बस संस्कृति के संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएंगे ताकि अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर के सांस्कृतिक धरोहर पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरा प्रयास करेंगे।


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Edited By

Simpy Khanna

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