सैल्फी ने ली ब्यास में 50 जानें

Saturday, Jul 15, 2017 - 01:01 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): सैल्फी के चक्कर में पर्यटकों ने ही उत्तर भारत और पूरे हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा जानें गंवाई हैं। ब्यास का रोमांच बाहरी राज्यों से यहां आने वाले पर्यटकों को हर साल यमलोक का द्वार दिखा रहा है। हालांकि 2014 के थलौट हादसे के बाद प्रशासन ने यहां एहतियातन पर्यटकों को जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड व चेतावनी बोर्ड भी जगह-जगह चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लगा दिए हैं लेकिन बावजूद इसके हर वर्ष एक दर्जन लोग सैल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान यहां गंवा रहे हैं। सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाका मंडी से आगे पनारसा तक का है और वहां कुल्लू से ब्यासा मोड़ से आगे मनाली के बाहंग तक हर वर्ष आजकल के दिनों में पर्यटक ब्यास के पानी में फोटो लेने के लिए घुस जाते हैं और अकसर पैर फिसलने से वे बह जाते हैं।    


झीड़ी नेचर पार्क अच्छा लेकिन पर्यटक इससे अनजान 
मंडी जिला प्रशासन ने वन विभाग के सहयोग से जिला के झीड़ी में ब्यास किनारे एक नेचर पार्क तैयार किया है लेकिन पर्यटक इससे भी अनजान हैं। यहां ब्यास किनारे सुरक्षित रैंप बना है और राफ्टिंग सहित फोटोग्राफी यहां की जा सकती है लेकिन इस नेचर पार्क को चलाने में प्रशासन के पसीने छूट चुके हैं और पर्यटन गतिविधियां यहां न के बराबर हैं।  


कब-कब गई जानें 
ब्यास में पिछले 5 वर्षों में सबसे पहले थलौट में वर्ष, 2014 के दौरान 8 जून देर शाम 5 बजे 24 इंजीनियरिंग कर रहे छात्रों व एक टूअर आप्रेटर की जान गई। जब ये सब ब्यास में फोटो लेने के लिए पानी में उतर गए। अचानक लारजी डैम से पानी छोड़ा गया और सब इसमें बह गए। इस हादसे का लाइव वीडियो भी बना था और छात्र सैल्फी लेने में एक पत्थर के ऊपर व्यस्त थे। इसके बाद मात्र 3 माह के बीच में ही बनाला में 2 युवक सैल्फी लेते बह गए थे और एक साल बाद मंडी केबिंद्रावणी में वैस्ट बंगाल के 3 छात्र फोटो लेते बह गए थे और 9 मील में पिछले वर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज नेरचौक के 3 छात्र फोटो लेते बह गए थे। इसके अलावा आए दिन कुल्लू और मणिकर्ण इलाके में भी पर्यटक पानी के तेज बहाव में बहकर अपनी जान गंवा चुके हैं।  


पुलिस ने चलाया एंटी सैल्फी ड्राइव अभियान
पर्यटकों को ब्यास नदी में डूबने से बचाने को अब मंडी पुलिस ने एंटी सैल्फी ड्राइव अभियान चलाया है जिसके तहत बोर्ड लगातार पर्यटकों को नदी से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। हालांकि पुलिस यह कदम एहतियातन उठा रही है लेकिन यह बात प्रशासन को भी समझ लेनी चाहिए कि जो पर्यटक रोमांच की खातिर हिमाचल आता है, उसे अगर ब्यास और नदी-नालों से दूर रखा जाए तो क्या उन्हें अपने इस टूअर से आनंद आएगा। हालांकि पुलिस की मुहिम सही है लेकिन प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे सुरक्षित स्पॉट तैयार करवाए जहां लोग झरने और नदी के तट पर बने किसी सुरक्षित रैंप से फोटोग्राफी कर सकें लेकिन हैरानी इस बात की है कि प्रशासन व सरकार ने आज तक ऐसा कोई सुरक्षित स्पॉट तैयार नहीं करवाया है।