स्क्रब टाइफस से हो सकती है मौत

Thursday, Aug 22, 2019 - 11:46 AM (IST)

ऊना(विशाल): बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस अक्सर अपने पांव पसारता है। इससे हमेशा बचाव करना चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। सी.एम.ओ. डा. रमन कुमार शर्मा ने कहा कि स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो अनेक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।

 इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं। स्क्रब टाइफस बीमारी की शुरूआत सिरदर्द और ठंड के साथ बुखार से हो सकती है। रोग बिगड़ने पर मरीज का बुखार तेज हो जाता है और सिरदर्द भी असहनीय होने लगता है। यह रोग हल्के-फुल्के लक्षणों से लेकर अंगों की विफलता तक का भी कारण बन सकता है। कुछ मरीजों में पेट से शुरू हुई खुजली या चकता अन्य अंगों तक फैलने लगता है। कई बार तो यह चेहरे पर भी हो जाता है। 

इस बीमारी में शरीर में ऐंठन व अकड़न जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। अधिक संक्रमण होने पर गर्दन, बाजुओं के नीचे व कूल्हों के ऊपर गिल्टियां हो जाती हैं। स्क्रब टाइफस के लक्षणों की जांच करते समय मलेरिया, डेंगू व लेप्टोस्पायरोसिस आदि रोगों से भी तुलना की जाती है। यह बीमारी 6 से 21 दिनों तक सुप्तावस्था में रहती है, फिर 2 से 3 सप्ताह तक रहती है। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द और खांसी संबंधी लक्षण होते हैं। हल्के संक्रमण वाले मरीज बिना किसी अन्य लक्षण के ठीक हो सकते हैं।

कैसे फैलता है रोग

सी.एम.ओ. ने कहा कि स्क्रब टाइफस का बुखार खतरनाक जीवाणु जिसे रिकटेशिया (संक्रमित माइट, पिस्सू) कहा जाता है, के काटने से फैलता है। यह जीवाणु लम्बी घास व झाडिय़ों में रहने वाले चूहों के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपता है और इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है। इस बीमारी के होने का खतरा उन लोगों को अधिक होता है जो बरसात के दिनों में खेतीबाड़ी या कृषि संबंधी कार्य करने के लिए खेतों में जाते हैं। 

कैसे करें इस रोग से बचाव

स्क्रब टाइफस बीमारी से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर खेतों में जाएं क्योंकि स्क्रब टाइफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खुले भागों को ही काटता है। घरों के आसपास खरपतवार इत्यादि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। खुली त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए माइट रिपेलेंट क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

Edited By

Simpy Khanna