अशुद्ध पेयजल पर नपेंगे स्कूल, प्रशासन करेगा कार्रवाई

Monday, Aug 26, 2019 - 12:54 PM (IST)

 नादौन (जैन): उपमंडल में टायफाइड से ग्रसित मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक होने पर प्रशासन ने स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का मन बनाया है। इसके लिए उपमंडल स्तर पर टीम का गठन करने का निर्णय प्रशासन ने लिया है। इस टीम द्वारा स्कूलों में पेयजल टंकियों के पानी की शुद्धता की जांच की जाएगी और सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाए लाने की तैयारी है। गौरतलब है कि नादौन अस्पताल में टायफाइड के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ौतरी हो रही है, जिनमें ज्यादा संख्या बच्चों की है। टायफाइड के फैलने का मूल कारण दूषित पानी को माना जाता है। उपमंडल नादौन के अधिकतर सरकारी व निजी स्कूलों में पानी की टंकियों की निरंतर सफाई नहीं की जाती और न ही क्लोरीनेशन की जाती है, जिसके चलते अशुद्ध पानी पीने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। ऐसी शिकायतें प्रशासन के पास पहुंचने पर यह कदम उठाया गया है। 

अधिकतर स्कूलों में नहीं लगे हैं वाटर फिल्टर

जानकारी के अनुसार स्कूलों में रखी गईं प्लास्टिक की टंकियों के ढक्कन बंदरों ने तोड़ दिए हैं और टंकियों से पानी पीते हैं। वहीं कहीं पर स्नेल यानी घोंघे टंकियों पर चिपकेदेखे जा सकते हैं, जिनके टंकियों के भीतर होने की संभावना भी रहती है। बच्चों से अच्छी खासी फीस की उगाही करने वाले निजी स्कूलों ने वाटर फिल्टर नहीं लगाए हैं। हालांकि विभाग ने बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश जारी कर रखे हैं लेकिन निजी स्कूलों के साथ कई सरकारी स्कूलों में भी वाटर फिल्टर नहीं लगे हैं। 

बच्चे घर से लाते हैं पानी की बोतल

नौबत यहां तक पहुंच गई है कि अभिभावक बच्चों को घर से पानी की बोतलों के साथ स्कूलों को भेज रहे हैं। अभिभावकों की मानें तो स्कूलों द्वारा फीस में तो साल दर साल बढ़ौतरी की जा रही है लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति स्कूल प्रबंधन सचेत नहीं हैं। ऐसे में अब बच्चों को डर के माहौल में स्कूल भेजना पड़ रहा है। 
 

Edited By

Simpy Khanna