अब स्कूलों में शिक्षकों को बंक मारना नहीं होगा आसान

Monday, Mar 12, 2018 - 11:03 AM (IST)

शिमला: शिमला जिला के स्कूलों के शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारियों को अब बंक मारना आसान नहीं होगा। उनकी उपस्थिति पर सीधे तौर पर विभाग की नजर रहेगी। ऐसे में जिला के दुर्गम क्षेत्र जहां अक्सर शिक्षकों की हाजिरी के मामले सामने आते थे, वे अब विभाग की निगरानी में रहेंगे। उन्हें सुबह 10 बजे निर्धारित समय पर ही स्कूल आना होगा और शाम 4 बजे ही छुट्टी करनी होगी। इसके साथ ही स्कूल का गैर-शिक्षक स्टाफ पर भी ये व्यवस्था लागू होगी। उन्हें भी सुबह 10 बजे स्कूल परिसर में लगी बायोमीट्रिक मशीन पर हाजिरी लगानी होगी।


इसके बाद सायं 5 बजे घर जाने से पहले बायोमीट्रिक हाजिरी लगानी होगी। इस बीच यदि कोई भी कर्मचारी कोताही बरतता है तो इसकी जानकारी विभाग को आसानी से मिल जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग अभी जिला के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में ये मशीनें लगा रहा है। इसके बाद इन्हें हाई स्कूल में लगाया जाएगा। विभाग मार्च माह के अंत तक इन स्कूलों में ये मशीनें इंस्टाल कर देगा। उच्च शिक्षा विभाग 3 करोड़ की लागत से पूरे प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में ये मशीनें लगा रहा है। इसके बाद प्रारंभिक विभाग जिला के लगभग 1598 प्राथमिक स्कूलों में बायोमिट्रिक मशीनें लगाने का कार्य शुरू करेगा। 


स्कूलों को जोड़ा जा रहा आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक हाजिरी से
जिला के सभी स्कूलों को आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इस संबंध में उपनिदेशक उच्च शिमला ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों व मुख्याध्यापकों को निर्देश जारी कर उन्हें अपने- अपने स्कूलों के सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक हाजिरी सिस्टम में पंजीकृत करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्कूलों को 15 मार्च तक समय दिया है। इसके बाद स्कूलों में मशीनों को इंस्टाल करने का कार्य शुरू किया जाएगा। उच्च शिक्षा उपनिदेशक ने राजेश्वरी बत्ता ने बताया कि इस संबंध में लगभग सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं। स्कूलों को जल्द से जल्द इस सिस्टम सेे जोड़ा जाएगा। इसके बाद स्टाफ की हाजिरी पर विभाग की नजर रहेगी। 


जिला के 7 ब्लाकों के स्कूल आते हैं दूर-दराज क्षेत्रों में  
शिमला जिला के 7 ब्लाकों के स्कूल दूर-दराज के क्षेत्रों में शामिल हैं। इन ब्लाकों में छोहारा, कुपवी, नेरवा, चौपाल, डोडरा क्वार, रंसार व जांगला शामिल हैं। इसके साथ ही रामपुर का काशापाठ भी दुर्गम क्षेत्र में है, यहां पहुंचना कठिन है। ऐसे में विभाग इन स्कूलों पर नजर नहीं रख पा रहा था लेकिन बायोमिट्रिक मशीनों से इन स्कूलों के स्टाफ पर विभाग की पूरी नजर रहेगी।