स्कूल खुले लेकिन अभिभावकों ने दिखाया बच्चों को रेड सिग्नल

Monday, Nov 02, 2020 - 03:18 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की सतत प्रक्रिया के तहत सोमवार को नौंवीं से लेकर प्लस टू तक कक्षाओं को नियमित करने का फैसला लागू किया गया। सरकार द्वारा स्कूलों में बच्चों को बुलाने के लिए हरी झंडी दिखा दी गई है, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों को रेड सिग्नल दिखा दिया है। नौवीं कक्षा में बेहद कम बच्चे स्कूलों में पहुंचे देखे गए। गौरतलब है कि रविवार को जिला के एक निजी स्कूल से 28 शिक्षकों की कोविड-19 टेस्टिंग के लिए सेंपलिंग की गई थी। जिनमें 4 शिक्षकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कुछ एक बच्चे ही शिक्षण कार्य के लिए पहुंचे थे। लेकिन सरकार द्वारा बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला अभिभावकों पर छोड़े जाने के बाद अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। जिसके चलते 2 नवंबर से शुरू की गई नियमित कक्षाओं में भी बेहद कम बच्चे पहुंचे। 

देश में लगे लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक के पांचवें चरण में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खुलने का क्रम शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में 2 नवंबर से नौवीं, दसवीं, प्लस वन और प्लस टू कक्षाओं को नियमित करने का फैसला लिया गया है। हालांकि सरकार और शिक्षा विभाग ने छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दे दी है। लेकिन इसके लिए उन्होंने एक बार फिर फैसला बच्चों के अभिभावकों पर छोड़ते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश भी की है। जिसके तहत अभिभावक अपने रिस्क पर अपने बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे। सरकार के इस कदम के साथ ही बच्चों को स्कूल आने के लिए हरी झंडी तो दिखा दी है। लेकिन देशभर में शुरू हो चुकी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अभिभावकों ने अपने बच्चों के लिए स्कूलों को लेकर रेड सिग्नल शो कर दिया है।

जिला मुख्यालय के राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों में सुरेंद्र कुमार रायजादा और सोमलाल धीमान ने बताया कि सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप स्कूलों में बच्चों के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का पूर्ण प्रबंध किया गया है। जिन कक्षाओं में बच्चों की संख्या ज्यादा है। उनमें प्रतिशतता के आधार पर ही बच्चों को स्कूल बुलाया जा रहा है। कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया जा रहा है। जो बच्चे बिना मास्क स्कूल आएंगे उनके लिए स्कूलों में ही मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जबकि स्कूल कैंपस में जगह-जगह सैनिटाइजर भी रखा गया है। क्लासरूम नियमित रूप से सेनीटाइज किए जा रहे हैं। ताकि संक्रमण के प्रसार को किसी भी हद तक रोका जा सके। प्रधानाचार्य ने माना कि सरकार द्वारा स्कूलों को खोलने का फैसला लिए जाने के बावजूद अभिभावक अभी तक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। बेहद कम बच्चे पहले दिन स्कूल पहुंचे हैं।
 

prashant sharma