स्कूल में चल रहे ‘इस’ धंधे का ऐसे हुआ पर्दाफाश, 28 गिरफ्तार

Friday, Apr 21, 2017 - 09:56 AM (IST)

नाहन (सतीश शर्मा): सिरमौर पुलिस ने बड़ी कारवाई करते हुए बड़े नकल गिरोह का पर्दाफाश किया है। पांवटा साहिब के डी.ए.वी. स्कूल में पेश आया यह पूरा प्रकरण हैरान करने वाला है और जांच में जो तथ्य सामने आए हैं वे बेहद ही चौंकाने वाले हैं। पुलिस ने मामले में स्कूल के प्रिंसीपल समेत कुल 28 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया गया।  


पुलिस ने गुप्त सूचना मिलने पर की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी की पांवटा साहिब के डी.ए.वी. स्कूल में नैशनल ओपन स्कूल के छात्रों को परीक्षाओं में नकल करवाई जाती है। पुलिस ने बिना किसी देरी के स्कूल में दबिश दी और पाया कि धड्ड़ले से नकल चल रही थी। पुलिस ने मौके से सोल्व किए गए पेपर भी बरामद किए और कई छात्र नकल करते पकड़े। दबिश में पुलिस ने पाया कि कई ऐसे भी कैंडिडेट थे जो दूसरे कैंडिडेट की जगह परीक्षा दे रहे थे। पुलिस की एस.आई.यू. टीम ने यह पूरी कार्रवाई ए.एस.पी. विनोद धीमान की अध्यक्षता में अमल में लाई ।



एक सत्र के लिए जाते थे 20 से 22 हजार रुपए
जानकारी के मुताबिक साइंस स्टूडैंट्स से एक सत्र के लिए 20 से 22 हजार रुपए जबकि आटर््स स्टूडैंट्स से 15 हजार रुपए लिए जाते हैं जिसके बदले उन्हें नकल करवाई जाती थी। डी.ए.वी. स्कूल पांवटा साहिब में यह प्रकरण पिछले 3 सालों से चल रहा था जिसमें व्यापक स्तर पर छात्रों को नकल करवाई जाती थी।   छात्रों को नकल करवाने की एवज में डी.ए.वी. संस्थान को मोटी रकम एजैंटों द्वारा दी जाती थी।  

ऐसे करवाई जाती थी नकल 
ए.एस.पी. सिरमौर ने बताया कि पूरे रैकेट में एजैंटों द्वारा इस संस्थान के लिए नैशनल ओपन स्कूल के छात्र तलाशे जाते थे और उनसे पैसे लेकर यहां 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं दिलवाई जाती थीं जिसमें खुलेआम नकल करवाई जाती थी। यही नहीं एजैंटों द्वारा बकायदा संबंधित विषय के एक्पर्ट हायर किए जाते थे जो पेपर को सोल्व करते थे। पुलिस ने मौके से 2 प्रिंटिंग मशीनें भी बरामद की हैं जिनके जरिये सोल्व पेपर छात्रों को बांटे जाते थे ताकि वो आसानी से नकल कर सके।  

ये हुए गिरफ्तार 
पूरे प्रकरण में पुलिस ने डी.ए.वी. स्कूल पांवटा साहिब के प्रिंसीपल, एक स्कूल के अकाऊंटटेंट, 2 एजैंट, 7 एक्सपटर््स व 17 छात्रों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उम्मीद है कि मामले में और कई बड़े खुलासे हो सकते हैं लेकिन यह मामला अपने आप में हैरान करने वाला ह,ै जिससे साफ पता चलता है कि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में भी माफियाराज चल रहा है।